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दिलीप घोष की जनसभा के बाद जगह का शुद्घिकरण

-तृणमूल छात्र परिषद ने जगह-जगह छिड़का मंत्रोच्चारित जल रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा का चर

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 08:42 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 08:42 PM (IST)
दिलीप घोष की जनसभा के बाद जगह का शुद्घिकरण
दिलीप घोष की जनसभा के बाद जगह का शुद्घिकरण

-तृणमूल छात्र परिषद ने जगह-जगह छिड़का मंत्रोच्चारित जल, रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा का चरण धोया

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-दीया व मोमबत्ती जला कर छात्र-युवाओं ने की अशुभ शक्तियों के कुप्रभाव के दूर होने की कामना जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की मंगलवार को यहां बाघाजतीन पार्क में हुई जनसभा के बाद तृणमूल छात्र परिषद सदस्यों की ओर से जनसभा स्थल का शुद्धिकरण किया गया। छात्र-युवाओं ने बाघाजतीन पार्क के प्रवेश द्वार पर पूरे विधि-विधान से पूजा की। जगह-जगह मंत्रोच्चारित जल का छिड़काव किया। इसके साथ ही वहां स्थित कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा के चरण को भी धोया।

इस बारे में तृणमूल छात्र परिषद के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष निर्णय रॉय ने कहा कि अशुभ शक्तियों के आगमन से सिलीगुड़ी की हृदयस्थली बाघाजतीन पार्क व यहां के लोगों पर कोई कुप्रभाव न पड़े उसी की कामना हमने पूजन किया। इसके साथ ही जगह-जगह मंत्रोच्चारित जल छिड़क कर पार्क का शुद्धिकरण किया। वहीं, हमने कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा के चरण भी धोए क्योंकि उसे अशुभ शक्तियों द्वारा स्पर्श किया गया था। उन्होंने कहा कि बाघाजतीन पार्क के पेड-पौधे गिर न पड़ें, यहां आसपास के लोगों व शहर के लोगों पर कोई विपत्ति न आ जाए, किसी पर भी अशुभ शक्तियों का कोई कुप्रभाव न पड़े इसीलिए हम छात्रों-युवाओं ने पूरे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ सभा स्थल का शुद्धिकरण किया है। इसके साथ ही भगवान से प्रार्थना की है कि जिन अशुभ शक्तियों ने यहां पांव रखे थे वे सब नादान हैं, वे नहीं जानते कि वे देश व समाज में कितना बुरा कर रहे हैं, भगवान उन्हें माफ कर दे। हमने हमारे सांस्कृतिक भगवान रवींद्रनाथ टैगोर को भी नमन करते हुए यह कामना की कि वह उन लोगों को क्षमा कर दें जो स्वयं नहीं जानते कि वे कितना बड़ा पाप कर रहे हैं। एक ओर तो वे लोग कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान करते हैं, उनके लिखे राष्ट्रगान को राष्ट्र के विरुद्ध बताते हैं, उसमें संशोधन की मांग करते हैं और दूसरी ओर आम लोगों को दिखाने के लिए कविगुरु की प्रतिमा का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेने का नाटक करते हैं। कविगुरु उन्हें क्षमा कर दें, यही हमारी कामना है। इसके साथ ही हमने पूजन द्वारा यह कामना भी की है कि भगवान पश्चिम बंगाल को सांप्रदायिक शक्तियों की बुरी नजरों से बचाए। यहां सदियों से चली आ रही सर्वधर्म सद्भाव की भावना, अहिसा, शांति व समृद्धि की रक्षा करे।


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