Coronavirus Lockdown Effect: आर्थिक तंगी से तंग आकर चाय वाले ने की आत्मदाह की कोशिश
आत्मदाह की कोशिश करने वाला राजू पिछले 20 वर्षों से भी अधिक समय से रेलवे स्टेशन पर चाय बेचकर अपना गुजारा करता आ रहा है।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। आर्थिक तंगी से तंग आकर एक चाय वाले ने आत्मदाह करने की कोशिश की। सोमवार को यह घटना न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन परिसर में घटी है। जानकारी मिलते ही न्यू जलपाईगुड़ी थाना पुलिस और स्थानीय लोगों ने घायल चाय वाले को फौरन इलाज के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के अनुसार चाय वाले के शरीर का 60 प्रतिशत हिस्सा झुलस गया है। उसकी स्थिति काफी नाजुक है।
आत्मदाह की कोशिश करने वाले चाय विक्रेता का नाम राजू बताया गया है। उसकी उम्र 45 वर्ष के करीब बताई गई है। पुलिस को चाय विक्रेता के परिवार का अब तक कुछ पता नहीं चला है। न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के आस-पास पान-बीड़ी, होटल और टैक्सी चालकों से मिली जानकारी के अनुसार आत्मदाह की कोशिश करने वाला राजू पिछले 20 वर्षों से भी अधिक समय से रेलवे स्टेशन पर चाय बेचकर अपना गुजारा करता आ रहा है।
सोमवार की सुबह 11 बजे के करीब न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार के सामने राजू ने चाय बनाने वाले स्टोव से केरोसिन तेल निकाल कर अपने ऊपर डाल लिया और माचिस से आग लगाकर आत्मदाह करने की कोशिश की। खुद के शरीर मे आग लगाने के बाद वह पीछे की तरफ गिर पड़ा। जिसकी वजह से उसका सिर फट गया और काफी खून भी बहा है। मौके पर उपस्थित टैक्सी चालकों ने उसे शरीर मे लगे आग को बुझाने में जुट गए। जानकारी मिलते ही न्यू जलपाईगुड़ी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और घायल चाय विक्रेता को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।
स्थानीय एक टैक्सी चालक मोहम्मद आइजुल ने बताया कि राजू स्टेशन परिसर में ही घूम-घूम कर चाय बेचता था। न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन को ही उसका घर भी कहा जा सकता है। कोरोना महामारी की वजह से बीते 5 महीनों से ट्रेनों का संचालन नहीं के बराबर है। जिसकी वजह से न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या नगण्य है। स्पेशल ट्रेनों से आने-जाने वाले यात्री भी कोरोना से बचाव के लिए बाहर का चाय व खाना आदि नहीं ही लेते हैं।
राजू की आर्थिक स्थिति भी काफी खराब हो चली थी। पेट भरना भी उसके लिए मुश्किल हो गया था। टैक्सी चालक, रेलवे पुलिस अधिकारी की दया से उसका पेट भरता था। ऐसी स्थिति की वजह से वह मानसिक अवसाद से ग्रसित हो गया था। सोमवार को भी वह चाय बेचने निकला था, लेकिन लॉक डाउन की वजह से स्टेशन पर भी सन्नाटा पसरा था। उसका एक कप चाय भी नहीं बिका था। इसी चिंता से ग्रसित होकर आत्मदाह की कोशिश करने की संभावना जताई जा रही है।
टैक्सी चालक ने आगे बताया कि सिर्फ राजू ही नही बल्कि उनके साथी टैक्सी, ऑटो चालक, होटल व ठेला वाले आदि की आर्थिक स्थिति खराब है। परिवार का पेट भरना मुश्किल हो चला है। 5 महीने से काम धंधा चौपट हो गया है। यात्री को बैठाने ले इंतज़ार में महीनों से टैक्सी खड़ी है।
यहां बताते चलें कि कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। बिगड़ी अर्थव्यवस्था का सबसे अधिक बोझ मिडिल क्लास और रोज कमाने-खाने वालों पर होता है। सरकार ने अन लॉक की प्रक्रिया शुरु तो किया है, लेकिन अर्थव्यवस्था में सुधार होता नहीं दिख रहा है।