कोई टीवी देखकर तो कोई गेम खेलकर कर रहा है टाइम पास
-महिलाएं कई प्रकार के व्यंजन बनाने में व्यस्त -पूरा परिवार साथ होने से काम का भी बढ़ा बो
-महिलाएं कई प्रकार के व्यंजन बनाने में व्यस्त
-पूरा परिवार साथ होने से काम का भी बढ़ा बोझ
-छात्र अपनी पढ़ाई के साथ लोगों को कर रहे जागरूक
जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी:कोरोना वायरस ने भारत सहित पूरी दुनियां में उधम मचा रखा है। इस महामारी से निबटने के लिए देश में कई उपाय किए जा रहे हैं। इसी में से एक लॉकडाउन भी है। पूरे देश में एक तरह से कहें तो बंदी है। 14 अप्रैल तक सभी को अपने-अपने घरों में रहने के लिए कहा गया है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि लोग कैसे अपने-अपने घरों में समय बिता रहे हैं। कोई घर में टीवी देख रहा है तो कोई सीडी लगाकर सिनेमा। परिवार के लोग आपस में कई प्रकार के गेम भी खेल रहे हैं। वहीं बच्चे अपनी पढ़ाई करने में लगे हैं। कुछ कोरोना वायरस को लेकर फोन पर ही अपने जान पहचान वालों को जागरूक करने में लगे हैं। इस मामले को लेकर जब हमने कुछ लोगों से बात की तो कई प्रकार की जानकारी मिली। पूनम अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन में भले ही बाजार बंद हो गया है लेकिन हम महिलाओं का काम तो और बढ़ गया है। इस समय कामवाली बाई भी नहीं आ रही है। वहीं घर में सभी के रहने से एक से एक आइटम इत्यादि बनाए जा रहे हैं,जिससे काम और बढ़ गया है। हा बच्चों और पति के साथ टाइम स्पेंड करके बेहद अच्छा लग रहा है।
सिलीगुड़ी की रहने वाली बबीता अग्रवाल ने कहा कि ऑनलाइन मुशायरा कर रहे हैं। आपस में फोन पर बातचीत की जाती है। इसके साथ ही घर के काम भी बढ़ गए हैं। पति और बच्चों के साथ इंडोर गेम इत्यादि शारीरिक दूरी बनाकर खेले जा रहे हैं। ताकि सभी का समय अच्छी तरह से कट जाए। सुनीता सोमानी का कहना है कि इस समय घर के कामकाज करके ही समय पास किया जा रहा है। साफ सफाई का विशेष तौर पर ख्याल रख रहे हैं। खासकर परिवार के बड़े बुजुगरें का ख्याल रखने में विशेष सावधानी बरती जा रही है। कुछ इसी तरह की बातें कविता सरकार ने कही। उन्होंने कहा कि जो भी समय मिला है उसे पति और बच्चों के साथ बिताने की कोशिश की जा रही है। हंस खेलकर अच्छे से समय कट जाए इसी का प्रयास किया जा रहा है। रेक और अलमारी की सफाई की जा रही है।
भारत माता अभिनंदन संगठन की जिला अध्यक्ष ऋतु गर्ग का कहना है कि समय की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए। बच्चे इन छुट्टियों का सदुपयोग कर रहे हैं ।जब ऑफिस या स्कूल जाना रहता है तब बच्चों को शिकायत रहती है कि हमें एक्टिविटी करने का समय ही नहीं मिलता है। बच्चे अपने आपको बीमारी से तो दूर रख ही रहे हैं साथ में अंदरूनी प्रतिभाओं को उजागर भी कर रहे हैं। माता-पिता को भी अपने बच्चों पर गर्व महसूस होता है जब कुछ समय घर के काम में हाथ बढ़ाते हैं एवं अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखते हुए अपने हुनर अपनी प्रतिभा को विकसित करते हैं। हम अपने समय का सदुपयोग तो कर ही रहे हैं साथ में भविष्य की नींव को मजबूत भी कर रहे हैं। हम सभी का यही कर्तव्य बनता है कि बच्चों की भावनाओं को देशभक्ति से ओतप्रोत रखें एवं वह आने वाली पीढ़ी के रूप में देश के उज्जवल भविष्य की नींव बने।
वहीं बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र दीपक अग्रवाल का कहना है कि वह भी लॉकडाउन में अपने घर पर है। इस दौरान पढ़ाई के साथ ही फोन पर अपने जान पहचान वालों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक कर रहा है। दीपक ने बताया कि चीन के वुहान से शुरू इस महामारी ने भारत सहित 199 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। सावधानी से ही इस रोग से बचाव संभव है। यह वक्त डरने का नहीं बल्कि अपने घर में रहकर उस डर को समाप्त करने का है। सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं।