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जिसके डर से चुनाव टाला उसी ने शुरु किया खेला

-कोरोना की चपेट में आए अब तक तीन उम्मीदवार -कई नेता और समर्थक घर में हुए क्वारंटाइन 22

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 07:46 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 07:46 PM (IST)
जिसके डर से चुनाव टाला उसी ने शुरु किया खेला
जिसके डर से चुनाव टाला उसी ने शुरु किया खेला

-कोरोना की चपेट में आए अब तक तीन उम्मीदवार

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-कई नेता और समर्थक घर में हुए क्वारंटाइन

22

जनवरी को मतदान होना था पहले

12

फरवरी को अब होना है मतदान

10

जनवरी को गौतम देव ले चुके हैं बूस्टर डोज

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जिस डर से नगर निगम चुनाव को तीन सप्ताह के लिए टाल दिया गया,वह खतरा अब फन फैलाने लगा है। सिलीगुड़ी नगर निगम के तीन हैवीवेट उम्मीदवार कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। स्वाभाविक रुप से चुनाव प्रचार सहम सा गया है। वहीं उम्मीदवारों के गले कोरोना का दोधारी तलवार लटकता देखकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी उम्मीदवारों को सतर्क रहने की सलाह दी है। जबकि इन तीनों नेताओं के संपर्क में आने वाले कई नेता और समर्थक अपने घर में क्वारंटाइन हो गए हैं।

कलकत्ता हाई कोर्ट की सलाह पर राज्य चुनाव आयोग ने नगर निगम चुनाव को तीन सप्ताह आगे बढ़ा दिया है। 22 जनवरी को होने वाले मतदान को टालकर फिलहाल 12 फरवरी को निर्धारित किया है। लेकिन कोरोना संक्रमण के जिस भय से चुनाव को तीन सप्ताह टाला गया, उस कोरोना वायरस ने खेल शुरु कर दिया है। सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव के मैदान में खड़े अबतक तीन हैवीवेट उम्मीदवार कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। जिनमें 33 नंबर वार्ड के तृणमूल उम्मीदवार गौतम देव, 10 नंबर वार्ड के तृणमूल उम्मीदवार कमल अग्रवाल और 24 नंबर वार्ड के निर्दलीय उम्मीदवार विकास रंजन सरकार शामिल हैं। हालांकि विकास रंजन सरकार कोरोना से जंग जीत कर वापस मैदान में उतर गए हैं। बल्कि उन्होंने तो यहां तक आरोप लगाया कि राजनीतिक रंजिश की वजह से ही उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव करा दी गई। लेकिन गौतम देव और कमल अग्रवाल की बीमारी से जंग जारी है। वर्ष 2020 के नवंबर में पहली बार कोरोना संक्रमित होने के बाद बीते दस जनवरी को ही गौतम देव ने कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज ली थी। अब इनके और कमल अग्रवाल के संपर्क में आने वाले समर्थक और पार्टी के कार्यकर्ता समेत इलाके के लोग भी अपनी-अपनी कोरोना जांच करा रहे हैं। बल्कि बुखार, सर्दी, खांसी व सर दर्द जैसे लक्षण दिखने के साथ ही समर्थक व कार्यकर्ता खुद को आइसोलेट कर रहे हैं। स्वाभाविक रुप से इसका चुनाव प्रचार पर गहरा असर पड़ रहा है। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो चुनाव प्रचार के क्रम में कोरोना से बचाव के मानकों का सही तरीके से पालन करना काफी मुश्किल है। उम्मीदवार और पार्टी के नेता व कार्यकर्ता आमतौर पर बिना किसी शारीरिक दूरी, नाक के नीचे मास्क पहने नजर आते हैं, तो ऐसे में कोरोना वायरस के हमले से बचना भी बड़ा कठिन है। बल्कि वैक्सीन भी कोरोना संक्रमण से बचाव का शत-प्रतिशत रक्षा कवच नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि रक्षा कवचों के इस्तेमाल में थोड़ी सी भी ढिलाई कोरोना संक्रमण की रफ्तार को और तेज करेगी।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

इस संबंध में नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के डीन ऑफ स्टूडेट अफेयर्स संदीप सेनगुप्ता ने कहा कुछ उम्मीदवार तो प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं, जबकि अधिकांश प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। प्रचार के क्रम में भीड़ जुटाने से बचने का प्रयास करना चाहिए। बल्कि घर के अंदर जाने से बचना चाहिए। मौजूदा हालात के मद्देनजर हमें सतर्क रहने की जरूरत है।


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