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किन्नरों ने बरपाया कहर, ढाई लाख रुपये की मांग

किन्नरों के एक समूह ने शहर के पंजाबीपाड़ा निवासी ललित बिहानी के घर पर धावा बोला। हाल में ही ललित बिहानी के घर विवाह का कार्यक्रम संपन्न हुआ है। इस कार्य को ढाल बनाकर पहुंचे किन्नरों के समूह ने ललित बिहानी के परिवार से ढ़ाई लाख रुपए की मांग की।

By Edited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 08:56 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 03:11 AM (IST)
किन्नरों ने बरपाया कहर, ढाई लाख रुपये की मांग
किन्नरों ने बरपाया कहर, ढाई लाख रुपये की मांग।

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी शहर में किन्नरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि यह कोई नई बात नहीं है। अब तो इनका अत्याचार काफी बढ़ गया है। इनलोगों ने मांगलिक कार्यो के अनुसार अपना रेट चार्ट तैयार कर रखा है। मुंह मांगी रकम नहीं मिलने पर किन्नरों का समूह परिवार पर तब तक सितम ढाता है, जब तक रकम की अदायगी नहीं होती। शनिवार को सिलीगुड़ी के पंजाबीपाड़ा इलाके में किन्नरों के अत्याचार को एक ऐसा ही मामला सामने आया है। इस घटना से पूरे शहर में खलबली मची हुई है।

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मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को किन्नरों के एक समूह ने शहर के पंजाबीपाड़ा निवासी ललित बिहानी के घर पर धावा बोला। हाल में ही ललित बिहानी के घर विवाह का कार्यक्रम संपन्न हुआ है। इस मंगल कार्य को ढाल बनाकर पहुंचे किन्नरों के समूह ने ललित बिहानी के परिवार से ढ़ाई लाख रुपए की मांग की। परिवार का आरोप है कि इतनी मोटी रकम देने से इनकार करने पर किन्नरों ने अभद्रता की सीमा पार कर दी। बिहानी परिवार ने किन्नरों के अत्याचार के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने का मन बनाया है। मोटी रकम के लिए किन्नरों के अत्याचार का यह पहला मामला नहीं है। बल्कि यह अत्याचार वर्षो से होता चला आ रहा है। समाज में हर रोज किसी न किसी के घर विवाह, मुंडन, उपनयन, वधु वरण, बच्चे का जन्म आदि मंगल कार्य होते रहते हैं।

कुटुम्ब-संबंधियों से भरे घर में जबरन प्रवेश कर किन्नर मोटी रकम के लिए किसी भी हद से गुजर जाते हैं। कई लोग हैं अत्याचार के शिकार बीते दुर्गा पूजा के दशमी को शहर के व्यवसायी हेमंत संचेती ने अपना गृह प्रवेश किया था। इस अवसर पर किन्नरों के एक समूह ने घर पर पर धावा बोला। उनसे एक लाख 21 हजार रुपए की मांग की। कोरोना काल में इतनी मोटी रकम देने से मना करने पर किन्नरों के समूह ने काफी तमाशा किया। अंत में हार कर हेमंत संचेती ने किन्नरों को 51 हजार रुपए की अदायगी करनी पड़ी। ऐसी ही कई घटनाएं रोजना सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाकों में घटती है। कुछ की शिकायत तो थाने में दर्ज होती है, लेकिन किन्नरों का अत्याचार सह कर भी अधिकांश लोग चुप्पी साध जाते हैं। पुलिस की मददे से 51 हजार लौटाए उत्तर बंगाल ¨हदी भाषी समाज के अध्यक्ष संजय टिबरेवाल ने बताया कि किन्नरों का अत्याचार वर्षो से होता चला आ रहा है। इसके खिलाफ समाज को एकजुट होने की जरुरत है। वर्ष 2017 में खालपाड़ा निवासी रितेश रामपुरिया के घर पर भी मंगल बेला पर उपस्थित होकर किन्नरों के समूह ने उनकी मां को धमका कर 51 हजार रुपए झटक लिए। तब रितेश ने हिम्मत दिखाई और पुलिस की मदद से किन्नरों से पैसा वापस लिया गया।

समझौते को तोड़ने का आरोप मारवाड़ी सामाजिक क्रांति परिषद के पूर्व महासचिव व तृणमूल ¨हदी प्रकोष्ठ के डिवीजनल को-ऑर्डिनेटर संजय शर्मा ने बताया कि किन्नरों के अत्याचार से तंग आकर वर्ष 2008 में मारवाड़ी सामाजिक क्रांति परिषद ने किन्नरों के साथ एक समझौता किया था। समझौते के अनुसार किन्नर किसी भी परिवार से जबरन वसूली नहीं कर सकते हैं। शिकायत मिलने पर इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाई कराने का वादा किन्नर समूह ने भी किया था। लेकिन फिर से इनका अत्याचार बढ़ता देखकर संजय शर्मा ने शीघ्र ही किन्नर समुदाय से बात-चीत करने का भरोसा दिया है। उन्होंने आगे कहा कि समाज के लोगों को किन्नरों के अत्याचार के आगे सिर झुकाने के बदले इस अत्याचार के खिलाफ खड़ा होने की जरुरत है। इस लड़ाई में तृणमूल ¨हदी प्रकोष्ठ व मारवाड़ी सामाजिक क्रांति परिषद हमेशा साथ है।


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