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शेष जनवरी गरम रहेगा उत्तर बंगाल का राजनीतिक माहौल

जनवरी को भले ही सर्दी का महीना माना जाता है, लेकिन उत्तर बंगाल का राजनीतिक माहौल इस दौरान गरम रहनेवाला है। यह काम 21 जनवरी से लेकर 28 जनवरी तक तृणमूल व भाजपा नेताओं के बोल करेंगे।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 12:23 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 12:23 PM (IST)
शेष जनवरी गरम रहेगा उत्तर बंगाल का राजनीतिक माहौल
शेष जनवरी गरम रहेगा उत्तर बंगाल का राजनीतिक माहौल
 सिलीगुड़ी [राजेश पटेल]। देश के अन्य हिस्सों में जनवरी भले सर्द हो, लेकिन शेष जनवरी में उत्तर बंगाल का राजनीतिक माहौल काफी गर्म रहनेवाला है। राजनैतिक पारा चढ़ने का सिलसिला 21 जनवरी से शुरू होगा, जो 28 जनवरी तक परवान पर रहेगा। इसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बोल अहम भूमिका निभाएंगे। हालांकि पूरे पश्चिम बंगाल की राजनीति तृणमूल की ब्रिगेड रैली के कारण कई दिनों से गरम है। 
22 को मालदा में गरजेंगे अमित शाह या योगी आदित्यनाथ
मालदा में 22 जनवरी को भाजपा अपनी ताकत दिखाएगी। यहां होनेवाली जनसभा को अभी तक के कार्यक्रम के अनुसार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह संबोधित करेंगे। जाहिर सी बात है जब पार्टी के मुखिया ही आनेवाले हैं तो प्रदेश के नेताओं का जमावड़ा लगना तय है। इस सभा की तैयारी शुरू भी हो गई है। अभी गत दिवस गुरुवार को ही मुकुल रॉय समेत कई नेताओं ने मालदा का दौरा किया था। वहां से राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को घेरने का प्रयास किया। उन्होंने 19 जनवरी को आयोजित तृणमूल की ब्रिगेड सभा को सर्कस करार दिया तो ममता दीदी भी कहां पीछे रहने वालीं। ब्रिडेड ग्राउंड के निरीक्षण के दौरान उन्होंने अपने ही अंदाज में जवाब दिया कि 125 सीटों पर सिमट जाएगी भाजपा, बच चुका है मौत का घंटा। 
चार दिनों तक ममता दार्जीलिंग से संभालेंगी कामकाज
बता दें कि कोलकाता में आयोजित तृणमूल की ब्रिगेड सभा को लेकर उत्तर बंगाल का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। इसको लेकर बयानबाजी जारी है। 22 जनवरी को भाजपा की मालदा में सभा के आयोजन के पहले ममता बनर्जी 21 को ही सिलीगुड़ी आएंगी। यहां उत्तर बंग उत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित करने के बाद दार्जीलिंग चली जाएंगी। वहां वे 24 जनवरी तक रहेंगी। इस दौरान वे चुप तो रहेंगी नहीं। 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती दार्जीलिंग में ही मनाएंगी। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 को सिलीगुड़ी या जलपाईगुड़ी में कर सकते हैं सभा
कोलकाता की ब्रिगेड सभा की तैयारियों व इसमें शामिल होने के लिए जिस तरह से भाजपा विरोधी नेताओं में होड़ मची हुई है, उसको देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा उत्तर बंगाल में कराने का निर्णय लिया है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो वे 28 जनवरी को सिलीगुड़ी या जलपाईगुड़ी में से कहीं सभा जरूर करेंगे। ज्यादा संभावना जलपाईगुड़ी में सभा करने की है, क्योंकि वे चाय उद्योग की बदहाली का ठीकरा ममता बनर्जी के सिर फोड़कर बेहाल श्रमिकों की सहानुभूति बटोरने का प्रयास करेंगे। जलपाईगुड़ी में हाईकोर्ट की सर्किट बेंच के उद्घाटन का मामला भी अधर में लटका पड़ा है। इसको लेकर भी काफी राजनीति हो चुकी है। प्रधानमंत्री इस मामले का भी पटाक्षेप कर सकते हैं। 
मालदा की सभा से एनआरसी को मुद्दे को गरम करेगी भाजपा
अब फिर मालदा में 22 जनवरी को होनेवाली भाजपा की सभा की बात करते हैं। इस समय पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। यदि तब तक उनका स्वास्थ्य ठीक हो जाता है और वे आते हैं तो ठीक, नहीं तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके स्थान पर लाया जा सकता है। इसका संकेत पार्टी नेताओं ने दे दिया है। चूंकि मालदा ऐसा जिला है, जिससे पश्चिम बंगाल की करीब 180 किलोमीटर लंबी सीमा सटी है। इसमें से करीब 30 किलोमीटर बिना बाड़ के है। इसके माध्यम से घुसपैठ, अपराध, तस्करी आदि की घटनाएं आम हैं। हथियारों की तस्करी को लेकर तो इसे दूसरा मुंगेर तक कहा जाने लगा है। भाजपा इस जिला में सभा करके घुसपैठ को मुद्दा बनाकर एक खास वर्ग के मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करेगी। क्योंकि एनआरसी का मुद्दा इस समय काफी हॉट है। 

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