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चुनाव से पहले चाय बागान श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी तय करने का मुद्दा उठा

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले चाय बागानों में काम करने वाले श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी का मुद्दा फिर चर्चा में आ गया है।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 12:20 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 12:20 PM (IST)
चुनाव से पहले चाय बागान श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी तय करने का मुद्दा उठा
चुनाव से पहले चाय बागान श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी तय करने का मुद्दा उठा
  • सरकार अगर नहीं सोचती है तो हमलोगों को आगे सोचना होगा : जे बी तामांग
  • सरकार को न्यूनतम मजदूरी के मुद्दे पर पर्याप्त समय दिया गया, अब नहीं : समन पाठक

दार्जिलिंग [संवादसूत्र]। पिछले कई वर्षों से चाय बागानों के श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी को लेकर श्रमिकों संगठनों का आंदोलन जारी है। ऐसे में एक बार फिर ज्वाइंट फोरम की हिल्स शाखा ने चुनाव से पहले न्यूनतम मजदूरी घोषणा किए जाने की बात कही। विभिन्न श्रमिक संगठनों को मिलाकर बने ज्वाइंट फोरम ने अब इस मामले में दार्जिलिंग टी एसोसिएशन एवं सहायक श्रमायुक्त को आने वाले समय में ज्ञापन देने का निर्णय लिया है।
     पत्रकारों से बातचीत करते हुए ज्वाइंट फोरम हिल्स के संयोजक जेबी तामांग ने कहा कि हमलोग 2014 से लगातार न्यूनतम मजदूरी लागू करने की मांग को लेकर लड़ते आ रहे है। इसको लेकर हमलोगों ने आपस की बैठक में फैसला लिया है कि सरकार जल्द से जल्द चुनाव से पहले चाय बागान श्रमिकों के हित के लिए न्यूनतम मजदूरी की घोषणा करे।
    उन्होंने कहा कि हिल्स इलाके में करीब 70 फीसदी मतदाता हैं, जो चाय बागानों में रहते हैं। लेकिन सरकार ने अब तक उनके लिए कुछ नहीं किया है। अगर सरकार न्यूनतम मजदूरी पर जल्द से जल्द कोई फैसला नहीं लेती है, तो हमलोगों को सोचना होगा कि चुनाव में आगे क्या करना होगा। इस मुद्दे को सरकार गंभीरतापूर्वक ले।
   ज्वाइंट फोरम की ओर से समन पाठक ने कहा कि हमलोगों ने सरकार को पर्याप्त समय दिया है। अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई। आचार संहिता भी लागू नहीं की गई। इस बीच अगर वे घोषणा नहीं करते हैं तो चुनाव से पहले न्यूनतम मजदूरी को लेकर संगठन अपना काम करेगा। हमलोगों का आंदोलन केवल पहाड़ी क्षेत्रों में नहीं होगा, बल्कि तराई, डुवार्स एवं असम में भी न्यूनतम मजदूरी को लेकर आंदोलन होगा।
   फोरम के प्रवक्ता सुनील राय ने बागान मजदूरो से अपील करते हुए कहा कि भविष्य में किसी भी कार्यक्रम के लिए चाय बागानों को तैयार रहना चाहिए। जन आंदोलन पार्टी के नेता व ज्वाइंंट फोरम के सदस्य अमर लामा ने कहा कि अब सरकार व प्रबंधन पर दबाव के लिए सही समय है। सरकार के पास चुनाव ही ऐसा मुद्दा है, जहां पर हमलोगों की मांगों को सुना जाएगा। अगर वे नहीं सुनते हैं तो आगे का कार्यक्रम हमलोगों का जारी रहेगा। अन्य मांगों में वेतन में 40 रुपये बढ़ोतरी के साथ पिछले वर्ष का बकाया जनवरी से लेकर मार्च तक के बीच श्रमिकों को दिया जाना चाहिए।

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