सीमा पर तनाव: फ्लैग मीटिंग के दौरान बीजीबी ने बीएसएफ गश्ती दल पर एके 47 से बरसाई गोलियां, जवान शहीद, एक घायल
Bangladesh border भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में फ्लैग मीटिंग के दौरान बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड द्वारा बीएसएफ गश्ती दल पर की गई गोलीबारी में एक हेड कांस्टेबल शहीद एक जवान घायल।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र में गुरुवार को फ्लैग मीटिंग के दौरान बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) द्वारा बीएसएफ के गश्ती दल पर की गई गोलीबारी में एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गए, जबकि एक जवान घायल हो गया।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों ने बताया कि यह घटना मुर्शिदाबाद के ककमारीचर सीमा चौकी इलाके में गुरुवार की सुबह घटी। शहीद जवान का नाम विजय भान सिंह है। उनके सिर में गोली लगी, जबकि एक अन्य कांस्टेबल के हाथ में गोली लगी। अस्पताल ले जाने पर हेड कांस्टेबल विजय की मौत हो गई। वहीं घायल कांस्टेबल राजवीर सिंह का मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है। 51 वर्षीय शहीद विजय उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के चमरोली गांव के रहने वाले थे। वह बीएसएफ की 117वीं बटालियन में तैनात थे और फरवरी 1990 में बीएसएफ में शामिल हुए थे।
बीएसएफ सूत्रों का कहना है कि जानबूझकर बीजीबी के जवानों ने गोलीबारी कर उनके जवानों को निशाना बनाया है। बताया जा रहा है कि भारतीय मछुआरों को बंधक बनाने को लेकर घटना की सूत्रपात हुई थी। मुर्शिदाबाद जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जलंगी क्षेत्र में स्थित पदमा नदी में गुरुवार सुबह मछली पकडऩे गए तीन भारतीय मछुआरे को बीजीबी के जवानों ने बंधक बना लिया था। बाद में दो मछुआरे को यह कहते हुए छोड़ा कि वे बीएसएफ पोस्ट कमांडर को फ्लैग मीटिंग के लिए बुलाए। दोनों मछुआरों ने लौटकर सुबह करीब नौ बजे बीएसएफ के ककमारीचर पोस्ट पर घटना के बारे में सूचना दी। इसके बाद सुबह साढ़े 10 बजे पोस्ट कमांडर पांच अन्य जवानों के साथ स्पीड बोट से फ्लैग मीटिंग के लिए पहुंचे।
बीएसएफ अधिकारियों के मुताबिक, फ्लैग मीटिंग के दौरान बीजीबी ने बेहद आक्रामक रूख दिखाया और बीएसएफ की टीम की घेराबंदी करने की कोशिश की। साथ ही उन्होंने बंधक बनाए गए एक भारतीय मछुआरे को भी नहीं छोड़ा। हालात की गंभीरता को देखते हुए बीएसएफ की टीम स्पीड बोट से वापस लौटने लगी। इसी दौरान बीजीबी जवानों ने बोट पर सवार बीएसएफ के दल पर एके-47 राइफल से गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इस दौरान हेड कांस्टेबल विजय के सिर पर गोलियां लगीं जिससे कहा जा रहा है कि बोट पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं, घायल कांस्टेबल के दाहिने हाथ पर गोलियां लगी है। इसके बाद बीएसएफ दल किसी तरह स्पीड बोट को डूबने से बचाते हुए भारतीय सीमा क्षेत्र में लाने में सफल रहे। घटना के बाद वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।
बीएसएफ ने दर्ज कराया कड़ा विरोध, बीजीबी के डीजी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
इस घटना से भारत-बांग्लादेश सीमा पर तनाव बढ़ गया है। बीएसएफ में इसको लेकर बेहद रोष देखा जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह बेहद आक्रामक व अपमानजनक घटना है। बीएसएफ ने इस घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। खबर है कि बीएसएफ महानिदेशक वीके जौहरी ने घटना पर नाराजगी जताते हुए बीजीबी के महानिदेशक मेजर जनरल शफीनुल इस्लाम से हॉटलाइन पर बात कर इसे मुद्दे को उठाया। इसके बाद बीजीबी के महानिदेशक ने घटना की जांच का आश्वासन देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है।
बता दें कि बीएसएफ और बीजीबी के बीच संबंध दशकों से सौहार्दपूर्ण रहे हैं और अचानक इस घटना ने सबको चौका दिया है। इससे पहले दोनों सीमा रक्षकों के बीच दशकों से गोलीबारी की कोई घटना नहीं हुई है। इस घटना के बाद सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं, बीएसएफ अधिकारी हालात पर नजर रखे हुए हैं।
भारतीय मछुआरे अब भी बांग्लादेश के कब्जे में
बंधक बनाए गए भारतीय मछुआरे का नाम प्रणब मंडल बताया गया है। मुर्शिदाबाद के जलंगी थाने के सिरोचर गांव निवासी प्रणब अभी भी बीजीबी के कब्जे में हैं और उन्हें नहीं छोड़ा गया है।