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न्यूनतम मजदूरी की मांग ने फिर पकड़ा जोर

-इस बार भाजपा ने संभाला आंदोलन का मोर्चा -ट्रेड यूनियन संगठन ने अतिरिक्त श्रम कमिश्नर को सौंपा

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 09:00 PM (IST)
न्यूनतम मजदूरी की मांग ने फिर पकड़ा जोर
न्यूनतम मजदूरी की मांग ने फिर पकड़ा जोर

-इस बार भाजपा ने संभाला आंदोलन का मोर्चा

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-ट्रेड यूनियन संगठन ने अतिरिक्त श्रम कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : चाय बगानों के श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने की मांग ने एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है। यह मांग चाय श्रमिकों की ओर से काफी वर्षो की जाती रही है,लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ। अब एक बार फिर से इसकी मांग उठने लगी है। अंतर यह है कि इस मांग को लेकर अबकी भाजपा मैदान में है। भाजपा समर्थित भारतीय टी वर्कर्स यूनियन ने चाय श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी तत्काल निर्धारित करने की मांग की है। इस मांग को लेकर बुधवार को यूनियन की ओर से उत्तर बंगाल के अतिरिक्ति श्रम आयुक्त का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौंपे जाने के मौके पर मौजूद भाजपा नेता व पूर्व सांसद दशरथ तिर्की तथा पूर्व विधायक तथा भाजपा नेता शूक्रा मुंडा का कहना है कि बगान श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने की मांग काफी दिनों से की जा रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र हो अथवा तराई तथा डूवार्स का चाय बागन हो, बगान श्रमिकों की स्थिति काफी दयनीय है।

भारतीय टी वर्कर्स यूनियन नेता युगल झा का कहना है कि राज्य सरकार व बगान मालिकों के बीच आपसी मिली भगत से इन श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी निर्धारित नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि बगान श्रमिकों के समस्याओं के समाधान के लिए केंद्र सरकार द्वारा काफी पहल किए गए हैं। केंद्र सरकार से हस्तक्षेप से आधार सुधार शिविर लगाए गए, जिससे आधार संबंधी खामियों को दूर किया जा सका। वहीं राज्य सरकार द्वारा बगान श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने के संबंध में कुछ नहीं किया जा रहा है। टी-टूरिज्म के नाम राज्य सरकार चाय बगान की जमीन बेच रही है। इससे बगान श्रमिकों को भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि बगान श्रमिकों के समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर भारतीय टी वर्कर्स वेलफेयर यूनियन का आंदोलन जारी रहेगा।


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