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आखिरकार काम पर नहीं गए चाय श्रमिक

-सभी को सता रहा है कोरोना का डर -ट्रेड यूनियन नेताओं ने जताई खुशी जागरण संवाददाता ि

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 08:24 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 08:24 PM (IST)
आखिरकार काम पर नहीं गए चाय श्रमिक
आखिरकार काम पर नहीं गए चाय श्रमिक

-सभी को सता रहा है कोरोना का डर

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-ट्रेड यूनियन नेताओं ने जताई खुशी

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: कोरोना वायरस से लॉकडाउन के बीच उत्तर बंगाल के 4 लाख चाय बागान श्रमिक काम पर नहीं गए। ये सभी अपने घरों में ही रहे। चाय बागान श्रमिकों के साथ उनके परिवारों की संख्या लगभग 12 लाख है। वे भी कोरोना वायरस से लड़ने के सरकार की मुहिम का समर्थन कर सरकारी निर्देशों का पालन कर रहे हैं। बुधवार को चाय बागान में श्रमिकों द्वारा काम पर नहीं जाने का स्वागत करते हुए ट्रेड यूनियन नेता आलोक चक्रवर्ती,सीटू के दार्जिलिंग जिलाध्यक्ष गौतम घोष ने कहा कि चाय श्रमिकों ने अपने जीवन की रक्षा के लिए जो कदम उठाया है उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। सरकार को चाहिए कि सभी चाय बागानों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जो भी आवश्यक सुविधाएं हो वह तत्काल मुहैया कराएं साथी अन्य मजदूरों की तरह चाय बागान श्रमिकों को भी एक एक माह का राशन सरकार द्वारा मुहैया कराया जाए। प्रशासन द्वारा चाय बागान क्षेत्र में दूसरे राज्यों से आए मजदूरों स्क्रीनिंग करा कर इस बात की पुष्टि की जाएगी वह को रोना संक्रमित है कि नहीं। ट्रेड यूनियन नेताओं ने यह भी माग की है कि बंद चाय बागानों में राशन के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं ज्यादा से ज्यादा मुहैया कराई जाए।


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