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West Bengal : कड़ी चेतावनी के साथ राज्यपाल ने पंचानन वर्मा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को किया माफ

राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों को सतर्क किया है और स्पष्ट कहा है कि जो नियम है उसी के मुताबिक उन्हें काम करना होगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2020 09:46 AM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 09:46 AM (IST)
West Bengal : कड़ी चेतावनी के साथ राज्यपाल ने पंचानन वर्मा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को किया माफ
West Bengal : कड़ी चेतावनी के साथ राज्यपाल ने पंचानन वर्मा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को किया माफ

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कूचबिहार के पंचानन वर्मा विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में कुलाधिपति के तौर पर उन्हें आमंत्रित नहीं किए जाने के मुद्दे पर भारी गतिरोध के बाद आखिरकार कड़ी चेतावनी के साथ वाइस चांसलर को माफ कर दिया है। हालांकि राज्यपाल ने कारण बताओ नोटिस भेजे जाने के बावजूद समय पर उपस्थित नहीं होने व कर्तव्य में लापरवाही को लेकर वाइस चांसलर के रुख को अस्वीकार्य बताते हुए कड़ी टिप्पणी भी की है।

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उन्होंने विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को चेतावनी के साथ मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए इस मुद्दे को खत्म करने की बात कही है। राजभवन की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया कि कर्तव्यों में इस तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है। राज्य के शिक्षा मंत्री के अनुरोध के मद्देनजर मैंने इस पूरे मामले का विश्लेषण किया है। वीसी ने कुलाधिपति के निर्देशों का उल्लंघन किया है। भविष्य में किसी भी विषय में कुलाधिपति के निर्देशों का इस तरह उल्लंघन ना हो इसकी चेतावनी के साथ मैं इस मुद्दे को खत्म कर रहा हूं। जो विश्वविद्यालय के नियम व कानूनी प्रक्रिया है उसी के अनुसार सभी वाइस चांसलरों को काम करना होगा।

राज्यपाल ने इसी के साथ सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों को सतर्क किया है और स्पष्ट कहा है कि जो नियम है उसी के मुताबिक उन्हें काम करना होगा। भविष्य में इस तरह की लापरवाही पर समझौता नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस साल 14 फरवरी को पंचानन वर्मा विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर राज्यपाल ने गहरी नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

राज्यपाल ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि कुलाधिपति के तौर पर उन्हें आमंत्रित नहीं कर राज्य के कई मंत्रियों को आमंत्रित किया गया था। हालांकि वाइस चांसलर ने बाद में माफी मांगी थी। 


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