जीटीए में शिक्षक नियुक्ति में घोटाले का आरोप
-2019 में हुई नियुक्ति को कलकत्ता हाई कोर्ट में दी गई है चुनौती - सीबीआइ व ईडी से जाच
-2019 में हुई नियुक्ति को कलकत्ता हाई कोर्ट में दी गई है चुनौती
- सीबीआइ व ईडी से जाच कराने की मांग जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : गोरखा बेरोजगार प्राथमिक प्रशिक्षित शिक्षक कल्याण संगठन ने गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के तहत वर्ष 2019 में प्राइमरी, अपर प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूल व हाई स्कूलों के लिए हुई शिक्षकों की नियुक्ति में घोटाले का आरोप लगाया है। इसके साथ ही इस घोटाले की सीबीआइ जांच व ईडी जांच किए जाने की मांग की है।
इस संगठन के अध्यक्ष सुधन गुरुंग ने सोमवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट्स क्लब में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर उपरोक्त आरोप लगाते हुए उपरोक्त मांग उठाई। उन्होंने कहा कि उपरोक्त शिक्षक नियुक्ति में तमाम नियम कानूनों को ताक पर रख कर राजनीतिक, पारिवारिक, भाई भतीजावाद, एवं रुपये पैसे के लेन-देन कर पक्षपाती नियुक्ति की गई है। वास्तविक रूप में प्रशिक्षित योग्य अभ्यर्थियों को वंचित रख कर स्वजन पोषण की नीति के तहत आयोग्य लोगों को नौकरी दी गई है। इसमें जीटीए के कई बड़े जनप्रतिनिधियों, व पहाड़ी दल गोरखा जनमुक्ति मोर्चा-2 और भारतीय गोरखा प्रजातात्रिक मोर्चा व अन्य दलों के कई नेताओं व कार्यकर्ताओं एवं उनके परिजनों को भी नौकरी दी गई है।
उन्होंने बताया कि इस नियुक्ति के तहत प्राइमरी स्कूलों में 121, अपर प्राइमरी स्कूलों में 59 एवं जूनियर हाई स्कूल व हाई स्कूल में 313 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। यह सारी नियुक्ति बिना किसी अधिसूचना और आवश्यक परीक्षा एवं जांच-पड़ताल की औपचारिकताओं के बिना ही पिछले दरवाजे से की गई है। जनवरी 2019 में हुई ऐसी नियुक्तियों के विरुद्ध उन लोगों ने मार्च 2019 में कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है जिसे जलपाईगुड़ी स्थित कलकत्ता हाई कोर्ट के सर्किट बेंच स्थानांतरित कर दिया गया है और वहीं सुनवाई जारी है। उन्होंने अपने संगठन की ओर से इस मामले की सीबीआई एवं ईडी जांच शुरू किए जाने एवं समस्त दोषियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने की भी मांग की है। अन्यथा, आगामी दिनों और जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दिन संवाददाता सम्मेलन में उपरोक्त संगठन के कालिम्पोंग जिला अध्यक्ष रोमन भुजेल एवं कर्सियाग महकमा के सचिव गुंजन प्रधान भी मौजूद रहे।