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Transgenders form: प्रवेश फार्म में ट्रांसजेंडरों को विशेष कालम, किया कोर्ट का रूख

कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रवेश फार्म में अब पुरुष-महिलाओं के साथ ही ट्रांसजेंडरों के लिए भी विशेष कॉलम की व्यवस्था होगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 02:06 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 02:06 PM (IST)
Transgenders form: प्रवेश फार्म में ट्रांसजेंडरों को विशेष कालम, किया कोर्ट का रूख
Transgenders form: प्रवेश फार्म में ट्रांसजेंडरों को विशेष कालम, किया कोर्ट का रूख

कोलकाता, जागरण संवाददाता। कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रवेश फार्म में अब पुरुष-महिलाओं के साथ ही ट्रांसजेंडरों के लिए भी विशेष कॉलम की व्यवस्था होगी। इसकी जानकारी विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से कोर्ट को दी गई।

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दरअसल, ट्रांसजेंडर आलिया शेख उक्त मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाई थी, जिसके बाद विश्वविद्यालय की ओर से कोर्ट में बताया गया कि अब पुरुष-महिलाओं के साथ ही ट्रांसजेंडरों के लिए भी विशेष कॉलम की व्यवस्था होगी।

हालांकि, आलिया की लड़ाई यही खत्म नहीं हुई है, बल्कि अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ट्रांसजेंडरों के पृथक संरक्षण की मांग को ले हाईकोर्ट का रूख किया है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। आलिया की मानें तो वह समाज में समानता और अस्तित्व के साथ ही समान अध्ययन के अधिकार को सामने आई हैं और इस मसले पर ट्रांसजेंडरों के हक को हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाई है।

इधर, आलिया के कोर्ट का रूख करने के बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय ने उनकी मांगों को मंजूरी देते हुए प्रवेश फार्म में ट्रांसजेंडरों के लिए विशेष कॉलम की व्यवस्था किए जाने की जानकारी कोर्ट को दी है। गौर हो कि आलिया क्लीनिकल साइकोलॉजी में एम.फिल करने को कलकत्ता विश्वविद्यालय से फार्म ली थी, लेकिन ट्रांसजेंडरों के लिए पृथक कॉलम न होने की सूरत में वह फार्म नहीं भर पा रही थी और इसी समस्या के निराकरण को आखिरकार उन्हें हाईकोर्ट का रूख करना पड़ा।

हालांकि, इससे पहले भी कई ट्रांसजेंडरों ने उक्त मामले को कोर्ट के समक्ष उठाया था, लेकिन उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली या कह सकते हैं कि उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा। इधर, बुधवार को फार्म जमा करने का आखिरी दिन था। ऐसे में कोर्ट ने आलिया की बातें सुनी और उन्हें फार्म जमा करने का मौका मिला, जिससे वह बेहद खुश हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि अभी उनकी लड़ाई खत्म नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ट्रांसजेंडरों को ओबीसी श्रेणी में संरक्षित स्थान मिलना चाहिए।

जेयू में भी ट्रांसजेंडरों के लिए अलग शौचालय

जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) प्रशासन ने आखिरकार विश्वविद्यालय परिसर में तीसरे लिंग के लिए अलग शौचालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शौचालय का प्रयोग ट्रांसजेंडर छात्रों के साथ शिक्षक व अतिथि भी कर सकेंगे। पश्चिम बंगाल ट्रांसजेंडर बोर्ड का प्रस्ताव मानते हुए राज्य सरकार ने 2016 में राज्य के सभी कालेज व विश्वविद्यालय परिसर में तीसरे लिंग के लिए अलग शौचालय बनाने का निर्देश जारी किया था। हालांकि पिछले तीन साल में कहीं भी इसे निर्देश का पालन होता नहीं दिखा। विकास भवन सूत्रों की मानें को उत्तर 24 परगना के एक कॉलेज को छोड़ कहीं भी इस परियोजना के लिए उत्साह नहीं दिखा। 


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