Move to Jagran APP

बेनामी संपति की जांच में जुटी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी

-इससे जुड़े लोगों के आयकर व अन्य संपति स्रोत को खंगालने में लगी है कई टीम -आयकर रिट

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 01:17 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 06:49 PM (IST)
बेनामी संपति की जांच में जुटी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी
बेनामी संपति की जांच में जुटी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी

एक्सक्लूसिव

prime article banner

कड़ा कदम

-स्रोत खंगालने के लिए आयकर विभाग को लगाया

-सिंडिकेट राज से जुड़े लोगों में मची खलबली

-सहायता करने वाले सरकारी अधिकारियों में भी हड़कंप

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल में चल रहे जीएसटी चोरी, ट्रांसपोर्ट, जमीन, कोयला, सुपारी, विदेशी वस्तुओं की तस्करी और पेट्रोलियम चोरी सिंडिकेट राज से जुड़े लोगों की बेनामी संपति का पता लगाने में सुरक्षा एजेंसी की टीम तत्परता से जुट गयी है। इस बात की भनक लगते ही सिंडिकेट राज से जुड़े लोगों और कई सरकारी विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। केद्रीय एजेंसी ऐसे लोगों की एक सूची तैयार कर रही है। उनकी सम्पत्ति को आधार और पैन जोड़ने के लिए कहा जाएगा। इससे बेनामी संपत्ति की जानकारी मिल जाएगी। सुरक्षा एजेंसी इस काम में आयकर विभाग से भी सहयोग लेगी। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो वर्तमान में केंद्र सरकार कालेधन को पूरी तरह से खत्म करना चाहती है। आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम दिखायी देंगे। सुरक्षा एजेंसी को पता चला है कि उत्तर बंगाल में सिंडिकेट राज से जुड़े लोगों ने और इनकी मदद करने वाले सरकारी अधिकारियों के काफी बेनामी संपत्ति अर्जित कर रखी है। यह बेनामी संपत्ति चल या अचल संपत्ति या वित्तीय दस्तावेजों के तौर पर हो सकती है। कुछ लोग अपने काले धन को ऐसी संपत्ति में निवेश करते हैं जो उनके खुद के नाम पर ना होकर किसी और के नाम होती है। ऐसे लोग संपत्ति अपनी पत्नी-बच्चों, मित्रों, नौकर या किसी अन्य परिचित के नाम पर खरीद लेते हैं।

इस पूरे मामले जांच में जुटे एक अधिकारी ने बताया कि दरअसल सिंडिकेट से जुड़े लोग व अधिकारियों का एक बड़ा हिस्सा रिश्वत या अन्य तरीकों से काला धन जमा कर लेते हैं। उन्हें इस बात का डर रहता है कि यदि वे लोग अपने नाम से कोई संपत्ति खरीदेंगे तो इनकम टैक्स विभाग के लोग उनसे पूछताछ कर सकते हैं। उनके पास इतना रुपया कहा से आया। ऐसे लोग कर चोरी करने के लिए बेनामी संपत्ति खरीद लेते हैं। सभी बेनामी संपत्तियों में काला धन ही इस्तेमाल किया जाता है। अधिकारी ने बताया कि यदि किसी ने भाई, बहन या अन्य रिश्तेदारों, पत्नी या बच्चों के नाम से संपत्ति खरीदी है और इसके लिए भुगतान आय के ज्ञात स्त्रोतों से किया गया है यानी इसका जिक्र आयकर रिटर्न में किया गया है तो इसे बेनामी संपत्ति नही माना जायेगा। इसके साथ ही संपत्ति में साझा मालिकाना हक जिसके लिए भुगतान घोषित आय से किया गया हो, को भी बेनामी संपत्ति नही माना जायेगा। अगर सरकार को किसी सम्पत्ति पर अंदेशा होता है तो वो उस संपत्ति के मालिक से पूछताछ कर सकती है और उसे नोटिस भेजकर उससे उस सम्पत्ति के सभी कागजात माग सकती है जिसे मालिक को 90 दिनों के अंदर दिखाना होगा।

क्या है बेनामी संपत्ति कानून

बढ़ते काले धन की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने नवम्बर 2016 में नोटबंदी लागू की थी। इसी दिशा में सरकार ने बेनामी संपत्ति कानून 1988 में परिवर्तन किया है। 2016 में इसमें संशोधन किया गया तथा संशोधित कानून पहली नवम्बर 2016 से लागू हो गया। संशोधित बिल में बेनामी संपत्ति को जब्त करने और उन्हें सील करने का अधिकार है। संसद ने अगस्त 2016 में बेनामी सौदा निषेध क़ानून को पारित किया था। इसके प्रभाव में आने के बाद मौजूदा बेनामी सौदे (निषेध) कानून 1988 का नाम बदलकर बेनामी संपत्ति लेन-देन क़ानून 1988 कर दिया गया है।

काूनन की परिभाषा में बदलाव

बेनामी संपत्ति संशोधन कानून की परिभाषा बदली गयी है इसमें बेनामी लेन देन करने वालों पर अपीलीय ट्रिब्यूनल और सम्बंधित संस्था की तरफ से जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इस संशोधन के बाद उस संपत्ति को भी बेनामी माना जायेगा जो कि किसी फर्जी नाम से खरीदी गयी है। अगर संपत्ति के मालिक को ही पता नही हो कि संपत्ति का असली मालिक कौन है तो ऐसी संपत्ति को भी बेनामी संपत्ति माना जायेगा।

क्या है सजा का है प्रावधान

इस नए कानून के अन्तर्गत बेनामी लेनदेन करने वाले को तीन से सात साल की जेल और उस प्रॉपर्टी की बाजार कीमत पर 25 प्रतिशत जुर्माने का प्रावधान है। अगर कोई बेनामी संपत्ति की गलत सूचना देता है तो उस पर प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत तक जुर्माना और छह माह से पांच साल तक की जेल का प्रावधान रखा गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.