वादे हैं-वादों का क्या,सिन्कोना क्षेत्र में चिकित्सा सेवा लचर
चुनावी मुद्दा -हजारों लोगों की स्वास्थ्य सेवा भगवान भरोस -हर बार चुनाव में कायाकल्प की
चुनावी मुद्दा
-हजारों लोगों की स्वास्थ्य सेवा भगवान भरोस
-हर बार चुनाव में कायाकल्प की होती है बातें
-इस बार भी सरकार को चुनाव से पहले आई लोगों की याद 04
अस्पताल हैं प्लांटेशन अस्पताल के लिए
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ही डॉक्टर हैं इन चारों अस्पतालों के लिए
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हजार लोगों की स्वास्थ्य सेवा इन पर निर्भर
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जब चुनाव नजदीक आता है तो सरकारों को राज्य की जनता की सुविधाओं, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, मकान समेत योजनाएं याद आने लगती हैं। कहीं कैंप लगाकर स्वास्थ्य कार्ड बनाए जाने लगते हैं, तो कहीं पट्टा वितरण किए जाते हैं। चुनावी साल में कुछ ऐसी ही याद अब राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग को दार्जिलिंग व कालिंपोंग जिले के सिनकोना प्लांटेशन क्षेत्र के अस्पतालों की दुर्दशा पर आई है। लेकिन चुनाव के बाद कितना काम होगा,यह अभी कह पाना मुश्किल है। क्योंकि हर बार ही चुनाव के समय इस अस्पताल के कायाकल्प की बात होती है,लेकिन एक बार चुनाव होने के बाद हालत फिर वैसी की वैसी ही। दरअसल सिनकोना प्लांटेशन क्षेत्र में कुल चार अस्पताल हैं। ये सभी बेडेड अस्पताल हैं। ये चारो अस्पताल मंगपो, लापचू, मंसुन व रंगो में स्थित हैं। इन अस्पतालों पर इस क्षेत्र के लगभग 70 हजार लोग चिकित्सा के लिए निर्भर हैं। सिनकोना प्लांटेशन के आधिकारिक सूत्रों सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इन चारों अस्पतालों में मात्र चार मेडिकल ऑफिसर है, जिनमें तीन की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर हुई है। इन अस्पतालों की व्यवस्था को लेकर इस महीने पहले सप्ताह उत्तर बंगाल में स्वास्थ्य सेवाओं को देखने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) डॉ सुशांत कुमार रॉय ने सिनकोना प्लांटेशन व अन्य मेडिसिनल प्लाट के निदेशक डॉ सेम्यूल रॉय के साथ सिलीगुड़ी स्थिति राज्य अतिथि निवास में बैठक की थी। बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि सिनकोना प्लांटेशन क्षेत्र के अस्पतालों में कुछ असुविधाएं की बात सामने आई थी। इस संबंध में जानकारी के लिए ही बैठक की गई है। तब उन्होंने कहा था कि उन अस्पतालों में मेडिकल ऑफिसर, लैब तकनीशियन, एक्सरे मशीन, एक्सरे तकनीशियन समेत अन्य सुविधाओं की जरूरत है। प्रत्येक अस्पतालों में कम से कम दो मेडिकल ऑफिसर की जरूरत है। उन अस्पतालों का इंफ्रास्ट्रक्चर देखने के लिए वह खुद मौके पर जाएंगे। इसमें किस तरह से सुधार किया जाए, इस पर एक नोट तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को सौंपा जाएगा। डॉ रॉय ने बताया कि इस क्षेत्र के लोग ज्यादा सांस लेने में दिक्कत, गैस संबंधित समस्या व बुखार समेत तीन-चार बीमारियों की इलाज के लिए आते हैं।
लेकिन तब से लेकर अबतक 15 दिनों से अधिक का समय हो गया है,लेकिन अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा के सुधार की दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। स्वभाविक रूप से सरकार की इस उदासीनता से इलाकाई लोग परेशान हैं। इस बार के चुनाव में भी सिनकोना क्षेत्र में बदहाल चिकित्सा सेवा एक बड़ा मुद्दा है। लेकिन यहां के लोगों को सरकार और नेताओं के बातों पर भरोसा नहीं है। इनका कहना है कि इस बार भी सरकार का वादा चुनावी वादा बनकर ही न रह जाए।