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सिमुलबाड़ी थर्मल स्क्रीनिंग सेंटर बस नाम का

बदहाली -धीरे-धीरे स्वास्थ्य कर्मचारी हो गए नदारद -पहाड़ जाने वाले किसी भी यात्री की अब जांच

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 09:49 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 09:49 AM (IST)
सिमुलबाड़ी थर्मल स्क्रीनिंग सेंटर बस नाम का
सिमुलबाड़ी थर्मल स्क्रीनिंग सेंटर बस नाम का

बदहाली

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-धीरे-धीरे स्वास्थ्य कर्मचारी हो गए नदारद

-पहाड़ जाने वाले किसी भी यात्री की अब जांच नहीं

-जिलाधिकारी करेंगे जीटीए के साथ बातचीत जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : समय के साथ लोगों ने कोरोना वायरस के साथ समझौता तो कर लिया है, लेकिन पूरे विश्व के मानव जाति के अस्तित्व को खतरे में डालने वाले कोरोना वायरस से संक्रमण की रफ्तार कमी नहीं आई है। बल्कि संक्रमण और कोरोना की बलि चढ़ने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में सिलीगुड़ी शहर से सटे सुकना के सिमुलबाड़ी में गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) द्वारा लगाया गया थर्मल स्क्रीनिंग सेंटर बस नाम का रह गया है।

कोरोना वायरस के आगमन से पूरे देश में खलबली मच गई थी। लॉकडाउन जारी हुआ। कोरोना का प्रवेश निषेध रखने के लिए बीते अप्रैल महीने में जीटीए ने सिलीगुड़ी से सटे सिमुलबाड़ी में थर्मल स्क्रीनिंग सेंटर बनाया। सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग व कर्सियांग जाने वाले लोगों के शरीर की तापमात्रा मापने और आंकड़े को बड़ी स्क्रीन पर दिखाने की व्यवस्था की गई। शरीर की तापमात्रा सामान्य (98.4) से अधिक होने पर व्यक्ति को आगे बढ़ने की इजाजत नहीं होती थी। परिस्थिति को सामान्य करने के लिए अनलॉक की प्रक्रिया शुरु की गई। अनलॉक की प्रक्रिया शुरु होने के बाद जीटीए ने क्षेत्र के सबसे प्रमुख व्यापार पर्यटन के गिरते ग्राफ को नियंत्रित करने के लिए पर्यटकों के प्रवेश की अनुमति दी। लेकिन पर्यटकों के साथ प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति को सेंटर पर थर्मल स्क्रीनिंग जांच से गुजरना अनिवार्य किया। लेकिन पिछले कुछ दिनों से सिमुलबाड़ी थर्मल स्क्रीनिंग सेंटर खाली पड़ा हुआ है। इस सेंटर पर स्वास्थ्य कर्मचारी नजर ही नहीं आते हैं। जब कर्मचारी ही नहीं तो जीटीए क्षेत्र में प्रवेश करने वालों के सेंटर पर खड़े होने का सवाल ही नहीं उठता है।

जबकि स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार पर अभी ब्रेक नहीं लगा है। कोरोना की बलि चढ़ने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसी परिस्थिति में थर्मल स्क्रीनिंग सेंटर का बंद हो जाना जीटीए प्रबंधन पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। इस संबंध में दार्जिलिंग जिला शासक शशांक सेठी ने बताया कि वे जीटीए प्रबंधन से इस मामले को लेकर अवश्य बातचीत करेगें।


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