लतीफशाह बीयर कुंड में डूबे बीएचयू मेडिकल के दो छात्र
-सोमवार की दोपहर सैर-सपाटा करने के लिए पहुंचे थे चार दोस्त -मथुरा के शिवम का शव बरामद
-सोमवार की दोपहर सैर-सपाटा करने के लिए पहुंचे थे चार दोस्त
-मथुरा के शिवम का शव बरामद, कोलकाता के विकास की तलाश जारी
-बाल-बाल बची सिलीगुड़ी के विकासत दत्त की जान
जागरण संवाददाता, चंदौली,सिलीगुड़ी : जिले के लतीफशाह बीयर कुंड में सोमवार की शाम सैर सपाटा को पहुंचे बीएचयू मेडिकल के दो छात्र डूब गए। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से देर रात्रि मथुरा निवासी शिवम सैनी का
शव बरामद कर लिया, जबकि कोलकाता निवासी विकास दत्त की तलाश जारी रही।
बीएचयू स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान में एमएस (मास्टर आफ सर्जरी) के चार छात्र पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी निवासी विकास दत्त, मथुरा निवासी शिवम सैनी, उत्तराखंड के नैनीताल निवासी हर्षवर्धन और जमशेदपुर के रोशन कुमार दोपहर में सैर-सपाटा के लिए काले रंग की होंडा कार से चकिया स्थित लतीफशाह बीयर कुंड पहुंचे थे। छात्र विकास दत्त कुंड में स्नान के दौरान गहरे पानी में डूबने लगा। उसे बचाने के लिए पहुंचा शिवम सैनी भी डूब गया। बाहर खड़े दोनों छात्र अपने साथियों को डूबते देख शोर मचाने लगे। यह दोनों कुंड में नहीं उतरते थे। इसलिए इनकी जान बाल-बाल बच गई। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। एसडीएम अजय मिश्र, कोतवाल नागेंद्र प्रताप सिंह फोर्स के साथ पहुंचे। दो गोताखोरों की मदद से डूबे छात्रों की तलाश शुरू की गई।
साथियों के डूबने से बदहवास हो गए दोनों साथी : विकास व शिवम के डूबने से उनके सहपाठी हर्षवर्धन व रोशन बदहवास हो गए हैं। अधिकारी उन्हें समझा-बुझाकर कोतवाली ले आए।
कुंड में पहले भी हो चुके हैं हादसे
लतीफशाह बीयर कुंड में नहाते वक्त लोगों के डूबने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन चेत नहीं रहा। यहां यदि गोताखोरों और पुलिस की तैनाती की जाए तो अप्रिय घटनाओं पर रोक लग सकती है। प्राकृतिक सौंदर्य के चलते मानसून सीजन में यहां सैलानियों की भीड़ होती है। बारिश के मौसम में ही अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। बीते 31 मार्च को चकिया नगर के सुनील गुप्ता की कुंड में डूबने से मौत हो गई थी। इससे पूर्व दिसंबर में दो लोग व अगस्त में एक सैलानी कुंड में डूब गया।
पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था नहीं :
कुंड के पास पर्याप्त प्रकाश व सुरक्षा का इंतजाम नहीं है। स्थानीय निवासियों के अनुसार कुंड की गहराई बहुत ज्यादा है। पानी के अंदर पत्थरों में ऐसा कटान है कि एक बार यदि कोई फंस जाए तो उसका तैरकर निकलना मुश्किल होता है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को कुंड में स्नान पर रोक लगा देनी चाहिए।