एक जनवरी से पर्यटकों के लिए खुलेगा सिक्किम राजभवन
भारत तिब्बत पुलिस (आईटीबीपी) संरक्षित ऐतिहासिक धरोहर राजभवन आम लोगों को सुरक्षा व्यवस्था सुरि
भारत तिब्बत पुलिस (आईटीबीपी) संरक्षित ऐतिहासिक धरोहर राजभवन
आम लोगों को सुरक्षा व्यवस्था, सुरक्षित व गोपनीय स्थानों के अलावा राज भवन में घूमने का अवसर मिलेगा
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सं.सू.गंगटोक: ऐतिहासिक धरोहर राजभवन आम लोगों के भ्रमण के लिए एक जनवरी 2022 से खोल दिया जाएगा। यह निर्णय राज्यपाल गंगा प्रसाद ने लिया है। भारत तिब्बत पुलिस बल (आईटीबीपी) के द्वारा संरक्षित इस धरोहर में राज्यपाल रहते हैं। राज्यपाल गंगा प्रसाद का कहना है कि राजभवन पर स्थानीय लोगों का भी अधिकार है। लोगों को यहा की सुरक्षा स्थिति और सुरक्षित गोप्य स्थानों के अलावा सभी जानकारी हासिल करने का अधिकार है, राज्यपाल का मानना है। आज राजभवन में आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल गंगा प्रसाद ने राजभवन को आम जनता की भ्रमण अर्थ खोलने की ऐतिहासिक घोषणा की।
भारत-सिक्किम विलय के पूर्व सिक्किम देश के ब्रिटिश राजनीतिक अधिकारी जोन क्लाउड व्हाइट के कार्यकाल सन् 1888 में स्थापित भवन और राज्य के अभिभावक राज्यपाल के सुरक्षा में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान 24 घटों तक तैनात रहते है। यह ऐतिहासिक धरोहर पर्यटकों के लिए खोलना ऐतिहासिक निर्णय बताया जा सकता है। तीनों तरफ से अंतरराष्ट्रीय सीमा से बंधे लैंडलक राज्य का राजभवन पर्यटकों के लिए खोलना सिक्किम की शातिप्रीयता का एक संदेश के रूप में देखा जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन को 01 जनवरी 2022 से पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि राजभवन ऐतिहासिक धरोहर होने के कारण यह पर्यटकीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। राजभवन परिसर में ऐतिहासिक धरोहर, जैविक खेती, यहा के पुष्प वाटिका में निर्मित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा आदि पर्यटकों के लिए आकर्षक बनेगा। राज्यपाल गंगा प्रसाद ने बताया कि आम लोगों को सुरक्षा व्यवस्था, सुरक्षित और गोपनीय स्थानों के अलावा राज भवन में घूमने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने बताया है कि पर्यटकों के प्रवेश पर समय तालिका निर्धारित किया जाएगा। सभी व्यवस्था होने के बाद आगामी 1 जनवरी 2022 से राज भवन पर्यटकों के लिए खोला जाएगा, उन्होंने घोषणा की। दूसरी ओर राज्यपाल गंगा प्रसाद ने राज्य की आर्थिक कोष और आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपनी राजभवन के प्रोटोकॉल से अतिरिक्त सेवा सुविधा न लेने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वह अपने राज्य भ्रमण अवधि राजभवन के काफिले में केवल राजधानी के ही वाहनों का प्रयोग करेंगे। उन्होंने अपने भ्रमण में संबंधित जिला के जिलापाल, जिला पुलिस अधीक्षक, महकमा अधिकारी और खंड विकास अधिकारियों को अपने वाहन काफिला में शामिल न करने की जानकारी दी। उन्होंने यह निर्णय जन सुविधा और राज्य कोष को ध्यान में रखकर लिया गया है पत्रकारों को बताया। उन्होंने बताया कि सिक्किम में राज्यपाल की सुरक्षा के लिए राजभवन से उपलब्ध सुविधा के अलावा अन्य सुरक्षा व सुविधा आवश्यक नहीं है। उन्होंन कहा कि अतिरिक्त वाहनों का काफिला में शामिल करने से आम लोगों को असुविधा हो रही है, ऐसा बोध हुआ है। इसके साथ ही इस कदम से वाहनों में प्रयोग होने वाले ईंधन का खर्चा भी राज्य कोष को बोझ नहीं होगा। उन्होंने बताया कि राज्यपाल के यात्रा पर प्रोटोकॉल ड्यूटी में तैनात होने की बाध्यता से संबंधित जिला प्रशासनिक संबंधित अधिकारियों के कार्य में बाधा होगा, मुझे बोध हुआ है कि यह अनावश्यक देखावटी है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर राजभवन से प्रदत्त प्रोटोकॉल के अलावा अन्य अनावश्यक खर्च नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंन अपने राज्य भ्रमण के क्त्रम में जिला प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल न करने का निर्णय लिया गया है कहा।
उल्लेख किया जाता है कि इसी धरोहर पर साल 1958 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी यहा पहुंचे थे। इसके साथ ही राज्य में आए प्रत्येक राज्यपाल इसी राजभवन में रहते आए है।
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चित्र परिचय:फोटो: राजभवन में पत्रकारों को संबोधित करते राज्यपाल गंगा प्रसाद।