शरद पूर्णिमा पर बनाई गई खीर
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी शरद पूर्णिमा के अवसर पर खीर बनाई गई। सुबह से ही महिलाएं इसक
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: शरद पूर्णिमा के अवसर पर खीर बनाई गई। सुबह से ही महिलाएं इसकी तैयारी में व्यस्त नजर आई। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन खीर को चांदनी रात में रखने से वो कई पौष्टिक तत्व से भरपूर हो जाती है। जिसको खाने से कई बीमारियां स्वत: ही ठीक हो जाती है। ऐसे में खीर को बनाकर चांदनी रात में रखा गया। जिसे सुबह ग्रहण किया जाएगा। इसी कड़ी के तहत महिलाओं के द्वारा नारियल के लड्डू इत्यादि को बनाए गए। जिसे प्रसाद के रूप में देवी पर चढ़ाया गया। इसी क्रम में महिलाओं के द्वारा बढ़चढ़ कर दान-पुण्य किया गया। उनका कहना था कि दान-पुण्य करने के लिए पहले ही खरीदारी कर ली गई थी।
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जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: शरद पूर्णिमा के अवसर पर खीर बनाई गई। सुबह से ही महिलाएं इसकी तैयारी में व्यस्त नजर आई। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन खीर को चांदनी रात में रखने से वो कई पौष्टिक तत्व से भरपूर हो जाती है। जिसको खाने से कई बीमारियां स्वत: ही ठीक हो जाती है। ऐसे में खीर को बनाकर चांदनी रात में रखा गया। जिसे सुबह ग्रहण किया जाएगा। इसी कड़ी के तहत महिलाओं के द्वारा नारियल के लड्डू इत्यादि को बनाए गए। जिसे प्रसाद के रूप में देवी पर चढ़ाया गया। इसी क्रम में महिलाओं के द्वारा बढ़चढ़ कर दान-पुण्य किया गया। उनका कहना था कि दान-पुण्य करने के लिए पहले ही खरीदारी कर ली गई थी। ---------- जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: शरद पूर्णिमा के अवसर पर खीर बनाई गई। सुबह से ही महिलाएं इसकी तैयारी में व्यस्त नजर आई। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन खीर को चांदनी रात में रखने से वो कई पौष्टिक तत्व से भरपूर हो जाती है। जिसको खाने से कई बीमारियां स्वत: ही ठीक हो जाती है। ऐसे में खीर को बनाकर चांदनी रात में रखा गया। जिसे सुबह ग्रहण किया जाएगा। इसी कड़ी के तहत महिलाओं के द्वारा नारियल के लड्डू इत्यादि को बनाए गए। जिसे प्रसाद के रूप में देवी पर चढ़ाया गया। इसी क्रम में महिलाओं के द्वारा बढ़चढ़ कर दान-पुण्य किया गया। उनका कहना था कि दान-पुण्य करने के लिए पहले ही खरीदारी कर ली गई थी।