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आप्पा के निधन के सात वर्ष बीत चुके पर उनकी मौजूदगी का अहसास: मन घीसिंग

-सुभाष घीसिंग का मूल मंत्र पार्टी से बड़ी जाति और जाति से बड़ी माटी - सुभाष घीसिंग मेरे पिता

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 07:09 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 07:09 PM (IST)
आप्पा के निधन के सात वर्ष बीत चुके पर उनकी मौजूदगी का अहसास: मन घीसिंग
आप्पा के निधन के सात वर्ष बीत चुके पर उनकी मौजूदगी का अहसास: मन घीसिंग

-सुभाष घीसिंग का मूल मंत्र पार्टी से बड़ी जाति और जाति से बड़ी माटी

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- सुभाष घीसिंग मेरे पिता ही नहीं थे वह समस्त गोरखा संतान के गोरखा पिता थे

संवाद सूत्र,दार्जिलिंग:गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (गोरामुमो) के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष घीसिंग की आठवीं पुण्यतिथि पर मन घीसिंग ने श्रद्धाजलि अर्पित की। उन्होंने इस संबंध में जारी विज्ञप्ति में कहा है कि आप्पा का निधन हुए 7 वर्ष बीत चुके हैं परंतु आज भी पहाड़ में उनकी उपस्थिति महसूस करता हूं तथा उनके दिखाए रास्ते पर ही गोरखा समुदाय के उन्मुक्ति में अग्रसर हूं। मन घीसिंग ने कहा कि सुभाष घीसिंग एक महान युगपुरुष थे जिन्होंने गोरखाओं की उन्मुक्ति के लिए अपना संपूर्ण जीवन दिया उन्होंने गोरखा जाति के लिए जो सपना देखा था मैं उसी सपने से गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में गोरखा जाति को अवगत कराने में लगा हूं। बड़े संघर्ष के बाद ही हम अपने स्वाभिमान और जातीय एकता को मजबूत बनाने में सफल हुए हैं यह गोरखा जाति के लिए बड़ी उपलब्धि है । सुभाष घीसिंग का मूल मंत्र पार्टी से बड़ी जाति और जाति से बड़ी माटी इस शब्द को अनुसरण करते हुए आगे बढ़ रहा हूं।उनके साथ रहकर पहाड़ तराई डुवार्स और हमारे इतिहास , राजनीतिक मुद्दा के संबंध में बहुत कुछ सीखने को मिला। उनके सिद्धात और मुद्दे को आगे बढ़ा रहा हूं । उन्होंने कहा कि दृढ़ता के साथ हमें काम करना है, मैं पार्टी के सभी सदस्यों व भात्र संगठन से अपील करता हूं कि आपसी भाईचारा और अनुशासन में रहकर अपनी जाति और माटी के लिए सुभाष घीसिंग के सिद्धात का अनुसरण कर काम करें। अब समय आ गया है कि हमें एकजुट होकर आगे बढ़कर अपने लक्ष्य तक पहुंचना है और जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं होता है तब तक हमें डटे रहना है । सुभाष घीसिंग मेरे पिता ही नहीं थे वह समस्त गोरखा संतान के गोरखा पिता थे। उन्होंने सुभाष घीसिंग के उपचार के समय में सहयोग करने वाले मनीष तामाग और उनकी टोली के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संपूर्ण गोरखा संतान के प्रति आभार व्यक्त किया । सपना पूरा होना ही हम सभी का भाग्य उदय होना है ,हम लोगों का सपना पूरा होना ही सच्ची मायने में उनको श्रद्धाजलि अर्पित करना है ।


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