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कृषि,बागवानी व पशुपालन के प्रति जागरूकता को क्रेडिट शिविर आयोजित

-विभिन्न कृषि सहायता और टोकन साथ ही ऋण प्रोत्साहन वितरित किए -मुर्गी पालन पशुपालन और बकर

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 07:31 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 07:31 PM (IST)
कृषि,बागवानी व पशुपालन के प्रति जागरूकता को क्रेडिट शिविर आयोजित
कृषि,बागवानी व पशुपालन के प्रति जागरूकता को क्रेडिट शिविर आयोजित

-विभिन्न कृषि सहायता और टोकन, साथ ही ऋण प्रोत्साहन वितरित किए

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-मुर्गी पालन, पशुपालन और बकरी पालन के लिए ऋण बाटे गए

भेड़-बकरी , पानी की टंकी व भूसा कटर के टोकन भी बाटे

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गंगटोक (आईपीआर) : कृषि, बागवानी और पशुपालन के बारे में जागरूकता सह टोकन वितरण कार्यक्त्रम और व्यापक क्रेडिट शिविर आज ग्राम प्रशासन केंद्र, लुइंग पेरबिंग में आयोजित की गयी। कृषि, उद्यान एवं पशुपालन विभागों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्त्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मंत्री लोकनाथ शर्मा उपस्थित थे। कार्यक्त्रम के दौरान, मुख्य अतिथि और अन्य विशिष्टजनों ने विभिन्न कृषि सहायता और टोकन, साथ ही ऋण प्रोत्साहन वितरित किए। कृषि विभाग के तहत वितरित की जाने वाली वस्तुओं में पावर टिलर, चैफ कटर, पावर वीडर और ब्रश कटर शामिल हैं। बागवानी विभाग के तहत वितरित की जाने वाली वस्तुओं में ट्यूबलर संरचना ग्रीनहाउस, कार्यात्मक पैकहाउस, ग्राइंडर मशीन और ग्रीनहाउस प्लास्टिक शामिल हैं। इसी तरह पशुपालन विभाग के तहत मुर्गी पालन, पशुपालन और बकरी पालन के लिए ऋण बाटे गए। इसी तरह भेड़-बकरी के लिए भी टोकन बाटे गए। पानी की टंकी व भूसा कटर के टोकन भी बाटे गए। कृषि, बागवानी एवं पशुपालन विभाग मंत्री श्री लोकनाथ शर्मा ने अपने संबोधन में क्षेत्र के लोगों से कृषि क्षेत्र में रुचि विकसित करने और इसकी क्षमता का एहसास करने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से सकारात्मक रहने और सरकार द्वारा प्रदान किए गए असीमित अवसरों और प्रोत्साहनों को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने लुइंग के आदर्श स्थान को भुनाने की आवश्यकता का आह्वान किया क्योंकि यह राजधानी के करीब है जो तैयार बाजार के रूप में कार्य करता है। मंत्री ने पथ-प्रदर्शक मुख्यमंत्री कृषि आत्मनिर्भर योजना को दोहराया, जो तेरह वस्तुओं में आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि यह किसान समुदाय के लिए सरकार का सम्मान है। मंत्री ने सुअर पालन, पशुपालन, डेयरी फार्मिंग और मछली पालन के लिए प्रोत्साहन के बारे में भी बताया।उन्होंने सरकार के क्रेडिट के माध्यम से विकास कार्यक्त्रम की सफलता पर जोर दिया।मंत्री श्री शर्मा ने कृषि, बागवानी और पशुपालन विभागों की गतिविधियों और योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने सर्वोत्तम परिणाम के लिए खेती को मनरेगा के साथ जोड़ने का सुझाव दिया।लोगों को मानसिकता में बदलाव लाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि और पशुपालन सबसे आकर्षक और टिकाऊ पेशा है। मंत्री ने घोषणा की कि अपर बर्टुक में एक गाव को जल्द ही क्लस्टर के रूप में अपनाया जाएगा और प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत विकसित किया जाएगा।

उन्होंने अपर लुइंग देवीथन स्त्रोत के लिए 30,000 लीटर पानी की टंकी की भी घोषणा की। कृषि विभाग के सचिव रिनजिंग चेवाग भूटिया ने अपने संबोधन में विभाग की प्रमुख पहलों और प्रोत्साहनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कृषि लाभार्थियों से विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए साधनों और प्रोत्साहनों का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया।उन्होंने क्करूयढ्ढस्न्हृ योजना के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि ग्यारह हजार से अधिक लाभार्थी पहले से ही योजना का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने पीएम फसल बीमा योजना के बारे में भी बताया। उन्होंने आगे कहा कि सरकार का ध्यान राज्य के युवाओं को कृषि और संबद्ध क्षेत्र की ओर आकर्षित करने और उन्हें लाभ प्राप्त करने में मदद करने पर रहा है।सचिव भूटिया ने फसल कटाई उपरात प्रबंधन की दिशा में सरकार द्वारा की गई पहलों के बारे में भी बताया। आयुक्त-सह-सचिव, उद्यान विभाग, यशोदा भंडारी ने अपने विचार-विमर्श में विभाग की गतिविधियों पर विशेष रूप से प्रोत्साहन के संबंध में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार ने बागवानी क्षेत्र से लोगों को लाभान्वित करने के लिए एक प्रणाली तैयार की है। विभाग के अधिकारी हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि कृषि, बागवानी और पशुपालन बुनियादी सेवाएं हैं जो महामारी प्रेरित लॉक डाउन अवधि के दौरान भी जारी रहीं। उन्होंने लुइंग के लोगों से सरकार द्वारा प्रदान किए गए अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। कार्यक्त्रम को क्षेत्र प्रभारी, 28 अपर बर्टुक निर्वाचन क्षेत्र, नागेंद्र बिक्रम गुरुंग ने भी संबोधित किया।कार्यक्त्रम को पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. बी.एम. छेत्री, जीएम एसबीआई बैंक, श्री गोपाल लामा, और एसई, कृषि, श्री बिजॉय थापा।

इस बीच कार्यक्त्रम को संयुक्त निदेशक, भाकृअनुप-एनओएफआरआई, डॉ. रामगोपाल लाहा ने भी संबोधित किया, जिन्होंने राज्य सरकार के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

इस अवसर पर नई दिल्ली से राष्ट्रीय स्तर के एनजीओ प्रदान की एक टीम द्वारा एक लघु श्रव्य दृश्य प्रस्तुति दी गई, जिसमें कृषि और बागवानी के क्षेत्र में उनके द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को दिखाया गया।उन्होंने अपनी गतिविधियों के बारे में और पश्चिम सिक्किम की अपनी हालिया यात्रा के अपने अनुभवों को भी साझा किया। इससे पूर्व कृषि विभाग की संयुक्त निदेशक रचना गुरुंग ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्त्रम में सलाहकार एस.टी. भूटिया, काउंसलर कला राय, जिला एवं ग्राम पंचायत सदस्य, तीनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, लाभार्थी एवं स्थानीय कुलीन वर्ग के लोग।


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