खुलने के एक सप्ताह बाद भी रेगुलेटेड मार्केट में कारोबार कम
-दुकानदारों से लेकर व्यापारियों में कोरोना का खौफ -दूसरे स्थानों से फल और सब्जियों क
-दुकानदारों से लेकर व्यापारियों में कोरोना का खौफ
-दूसरे स्थानों से फल और सब्जियों की आवक भी कम
-जोगबनी होकर आ रही है नेपाल से आने वाली गाड़ियां
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी में कोरोना की रफ्तार लगातर बढ़ रही है। शहर के साथ सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में भी कोरोना का खौफ छाया हुआ है। व्यापारिक गतिविधियां मंद हो गयी है। फलों की आवक कम होने के साथ निर्यात भी प्रभावित है। वहीं रोजाना बारिश की वजह से पूरा बाजार कीचड़मय हो चला है।
कोरोना की वजह से बीते 28 जून तक सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट को जिला प्रशासन ने बंद रखा था। बाजार खुले एक सप्ताह से अधिक समय गुजर गया,लेकिन व्यापारिक गतिविधि शिथिल सी हो गई है। अभी आम का सीजन है। लेकिन कोरोना की रफ्तार बढ़ने से आम व अन्य फलों की आवक भी कम हुई है। मार्केट के फल व्यापारियों की मानें तो कोरोना के साथ मानसून की वजह से निर्यात काफी प्रभावित हुआ है। सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट से पूर्वोत्तर के करीब सभी राज्यों के साथ पड़ोसी देश नेपाल और भूटान को कच्चा माल निर्यात होता है। लेकिन फिलहाल पूर्वोत्तर भारत में कोरोना के साथ बारिश भी हो रही है। फलस्वरुप कहीं कोरोना की वजह से तो कही बारिश की वजह से समस्या गंभीर है। बल्कि नेपाल जाने वाली गाड़ियों को नेपाल-बिहार सीमांत जोगबनी से घूमकर सिलीगुड़ी वापस आना पड़ता है। सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के फल व्यापारियों ने बताया कि इस समय बिहार और उत्तर प्रदेश से आम की आवक हो रही है। लेकिन किसान को मूल्य नहीं मिल रहा है। बिहार में ही इस समय आम 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। वहीं सिलीगुड़ी के थोक मंडी में भी 40 से 45 रुपये प्रति किलो कीमत किसानों को मिल रहा है।