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नगर निगम की लापरवाही से छठ पूजा में समस्या-रंजन सरकार

-ग्रीन सिटी मिशन के पैसे नहीं खर्च कर पाए हैं मेयर -आठ महीने बाद भी टेंडर तक जारी कर

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 08:46 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 08:46 PM (IST)
नगर निगम की लापरवाही से छठ पूजा में समस्या-रंजन सरकार
नगर निगम की लापरवाही से छठ पूजा में समस्या-रंजन सरकार

-ग्रीन सिटी मिशन के पैसे नहीं खर्च कर पाए हैं मेयर

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-आठ महीने बाद भी टेंडर तक जारी करने में विफल

-महानंदा के सौंदर्यीकरण का काम अटका

- 10 करोड़ रुपये वापस लौट जाने की संभावना

जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी: एनजीटी के निर्देश के कारण नहीं बल्कि सिलीगुड़ी नगर निगम की लापरवाही से महानंदा नदी तट पर छठ पूजा करने में समस्या आ रही है। वास्तविकता यह है कि राज्य सरकार ने ग्रीन सिटी मिशन योजना के तहत महानंदा नदी के लालमोहन मौलिक घाट से लेकर नौकाघाट तक सौंदर्यीकरण के लिए दस करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, लेकिन नगर निगम इस पैसे को खर्च नहीं कर पाई है। इसी कारण छठ के समय महानंद नदी तट पर पूजा करने में छठ व्रतियों को समस्या हो रही है। यह बातें तृणमूल काग्रेस के जिला अध्यक्ष तथा सिलीगुड़ी नगर निगम में विपक्ष के नेता रंजन सरकार उर्फ राणा ने कही। शुक्रवार को वह दैनिक जागरण कार्यालय में हमारे संवाददाताओं के साथ विशेष बातचीत कर रहे थे। रंजन सरकार ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी ने महानंदा नदी तट पर किसी भी प्रकार के आयोजन के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। इन निर्देशों की अवहेलना नहीं की जा सकती। राज्य सरकार ने एनजीटी के निर्देशों को मानते हुए छठ पूजा के आयोजन के लिए रास्ता निकालने की कोशिश की है। महानंदा नदी के सौंदर्यीकरण के लिए ग्रीन सिटी योजना के तहत दस करोड़ रुपये की राशि भी जारी की गई। इस राशि से महानंदा नदी के किनारे तटों का निर्माण हो सकता था। सौंदर्यीकरण में इसे शामिल किया जाता। फिर छठ घाट आदि बनाने को लेकर कोई समस्या ही नहीं होती। जबकि वास्तविकता यह है कि नगर निगम अबतक टेंडर तक नहीं जारी कर पाई है। पिछले 8 महीने से नगर निगम के खाते में दस करोड़ रुपये पड़ हैं। उन्होंने कहा इस साल भी छठ पूजा में समस्या हो सकती है। क्योंकि एनजीटी का निर्देश हर हाल में सभी को मानना होगा। हांलाकि राज्य सरकार और उनकी कोशिश है कि किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो। वह छठ पूजा के दौरान स्वयं महानंदा नदी के विभिन्न घाटों का दौरा करेंगे।

रंजन सरकार ने सिलीगुड़ी नगर निगम में वाममोर्चा बोर्ड को निकम्मा करार दिया। उन्होंने मेयर अशोक भट्टाचार्य पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मेयर वाममोर्चा सरकार में 20 साल तक मंत्री रहे थे। उसके बाद वह शहर के विकास के लिए कोई खाका तैयार नहीं कर पाए हैं। उनके पास योजनाओं एवं विजन का अभाव है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ महानंदा नदी के सौंदर्यीकरण के मामले में ही वह फेल हुए हैं। निर्मल बाग्ला मिशन के तहत वह सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके को ओडीएफ घोषित नहीं नहीं करा पाए हैं। इसके तहत शौचालय बनाने के लिए भी साढ़े जीन करोड़ रुपए सिलीगुड़ी नगर निगम के खाते में है। इस पैसे को भी मेयर खर्च नहीं कर पाए हैं। यदि यही स्थिति बनी रहे तो पैसे वापस लौट जाने की संभावना है।


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