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सिक्किम जाने वाले रास्ते पर रम्फू पुल परियोजना पर क्यों लगा है ग्रहण

प. बंगाल व सिक्किम को जोड़नेवाली सड़क पर रम्फू में पुल निर्माण योजना पर ग्रहण लग गया है। जानिए इसका कारण...।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 10:27 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 10:27 AM (IST)
सिक्किम जाने वाले रास्ते पर रम्फू पुल परियोजना पर क्यों लगा है ग्रहण
सिक्किम जाने वाले रास्ते पर रम्फू पुल परियोजना पर क्यों लगा है ग्रहण
कालिम्पोंग [संवादसूत्र]। सिक्किम एवं बंगाल सीमा के पास रम्फू में पुल परियोजना से प्रभावित परिवारों ने स्थाई सुरक्षा की मांग की है। इस योजना के अधीन पडऩे वाले 58 परिवारों के साथ छठ पूजा घाट, चर्च एवं खेल मैदान समेत काफी चीजें प्रभावित हो रही हैं। 
   गौरतलब है कि एनएचएआइडीसीएल कंपनी द्वारा निर्माणाधीन इस परियोजना में सिक्किम की ओर से काम लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है। बंगाल की तरफ से काम आगे नहीं बढ़ रहा है। इसमें सामने आ रही समस्या का जायजा लेने के लिए कालिम्पोंग खंड के दो अधिकारी सुवर्ण मजूमदार, थाना प्रभारी सुभाशीष चाकी सहित अन्य अधिकारियों का दल मौके पर पहुंचा। जहां पर पहले से ही अपने हाथों में राष्ट्रीय झंडा व तख्तियां लेकर वनवासी अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर मौजूद थे। वनवासियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर 2006 वन अधिकार कानुून अन्तर्गत क्षेत्र को रेवेन्यू विलेज में कन्वर्ट कर अपनी जमीन का मालिकाना हक प्रदान करने की मांग अधिकारियों से की। कई घंटे चली बातचीत के बाद अधिकारी सुवर्ण मजूमदार ने कहा कि बंगाल एवं सिक्किम को जोडऩे के लिए सरकार की तरफ से रम्फू में लगभग एक किलोमीटर के पुल का काम शुरू किया गया है। इसमें सिक्किम की तरफ का काम युद्धस्तर से चल रहा है। बंगाल की तरफ से हो रहे काम में काफी ढिलाई बरती गई है। 
   उन्होंने कहा कि परियोजना से क्षेत्र के 58 परिवार प्रभावित हैं। उनकी मांग है कि जब तक वन अधिकार कानून अन्तर्गत क्षेत्र को रेवेन्यू विलेज घोषित कर जमीन का पट्टा प्रदान नहीं होता, तब तक काम शुरू नहीं होगा। इनकी मांगों से जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा। इसी विषय पर आगमी 12 फरवरी को ग्राम सभा से वैठक करने एवं इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।
   फारेस्ट विलेजर्स अर्गेनाइजेशन के कालिम्पोंग जिला संयोजक सरन राई ने कहा कि वनवासियों को जमीन का मालिकाना हक जब तक प्रदान नहीं होता, तब तक सरकार की किसी भी परियोजना में ग्राम सभा द्वारा स्वीकृति नहीं दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि एनएचएआइ डीसीएल कम्पनी ने ग्राम सभा की अनुमति के बिना काम शुरू किया है। इससे यह समस्या उत्पन्न हुई है। ग्राम सभा सचिव गणेश खाती ने कहा कि प्रशासन की ओर से अगर मांग पूरी नहीं होती है तो हमलोग अदालत की शरण में जाकर इस परियोजना पर स्टे ऑर्डर लगाने की मांग करेंगे।

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