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एनएफ रेलवे की रेलवे सुरक्षा बल ने 708 बच्चों को तस्करों से बचाया

आरपीएफ द्वारा 20 मानव तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया जो छोटे लड़के व लड़कियों का तस्करी में शामिल थे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 02:41 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 02:41 PM (IST)
एनएफ रेलवे की रेलवे सुरक्षा बल ने 708 बच्चों को तस्करों से बचाया
एनएफ रेलवे की रेलवे सुरक्षा बल ने 708 बच्चों को तस्करों से बचाया

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। एनएफ रेलवे की रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने पिछले वर्ष एक जनवरी से 31दिसम्बर 2018 के दौरान रेलवे परिसर यानी स्टेशनों व ट्रेनों से असामजिक तत्वों के चंगुल में फंसने से 708 छोटे बच्चों को सफलता पूर्वक बचाया।

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इस दौरान आरपीएफ द्वारा 20 मानव तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया, जो छोटे लड़के व लड़कियों का तस्करी में शामिल थे। इस अवधि के दौरान 75 व्यक्तियों को भी आरपीएफ द्वारा बचाया गया, इस तरह से कुल 783 लोगों का तस्करी का शिकार होने से बचाया गया।

इनमें 428 लड़के 18 वर्ष से कम उम्र के थे, 280 लड़कियां 18 वर्ष से कम उम्र की थीं, 30 लड़के 18 वर्ष से अधिक तथा 45 लड़कियों की उम्र 18 वर्ष से अधिक थी। जबकि बचाए किए गए 410 लोगों को विभिन्न एनजीओ को सौंप दिया गया जबकि 233 अल्प वयस्कों को उनके संबंधित अभिभावकों को सौंप दिया गया। शेष बचे हुए लोगों को कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित जीआरपी/पुलिस के हाथों सौंप दिया गया।

वहीं एक जनवरी 2019 से लेकर 31 मार्च 2019 तक आरपीएफ द्वारा 165 व्याक्तियों तस्करों के चंगुल से बचाया जा सका है, जिनमें 148 नाबालिग शामिल हैं। जबकि चार मानव तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया। एनएफ रेलवे के सीपीआरओ प्रणव ज्योति शर्मा ने बताया कि इस महीने एक अप्रैल से लेकर सात अप्रैल तक आरपीएफ के जवानों ने विभिन्न स्टेशनों व ट्रेनों से 14 नाबालिग लड़कों एवं लड़कियों का उद्धार कर उनके संबंधित अभिभावकों व एनजीओ को सौंप दिया गया।

उल्लेखनीय है कि रेसुब घर से भागे हुए बच्चों के साथ मानव तस्करों की चंगुल में फंसे बच्चों को भी सफलतापूर्वक बचाने के लिए रेलवे द्वारा काफी चौकसी बरती जा रही है। तस्करों के मंसूबे कामयाब नहीं हो रहे हैं। बचाए गए बच्चों को सामान्यत: उनके अभिभावकों अथवा चाइल्ड लाइन जैसे विभिन्न एनजीओ को सौंप दिया जा रहा है।

रेसुब के विभिन्न दस्ते इस तरह के मामलों पर रोक लगाने के लिए नियमित रूप से रेलवे परिसरों की जांच करते रहते हैं। यह ज्ञात है कि बच्चों एवं महिलाओं को देश के दूसरे हिस्से में भगा ले जाने के लिए तस्करों का दल पूवरेत्तर के क्षेत्रों में काफी सक्रिय हैं। जिसे देखते रेलवे द्वारा काफी सक्रियता बरती जा रही है।


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