Move to Jagran APP

पीके के दौरे से कई तृणमूल नेताओं का दिल कर रहा है धकधक

-निगम और विधानसभा चुनाव में किसका होगा पत्ता साफ -दार्जिलिंग जिले के नेताओं से ना मुलाक

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 07:29 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 07:29 PM (IST)
पीके के दौरे से कई तृणमूल नेताओं का दिल कर रहा है धकधक
पीके के दौरे से कई तृणमूल नेताओं का दिल कर रहा है धकधक

-निगम और विधानसभा चुनाव में किसका होगा पत्ता साफ

loksabha election banner

-दार्जिलिंग जिले के नेताओं से ना मुलाकात की और ना बात

-परिणाम का अंदाजा लगा रहे हैं सभी लोग

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2021 को अब मात्र कुछ महीने ही शेष रह गए हैं। इसे लेकर सभी राजनीतिक दल अभी से ही चुनावी मैदान में ताल ठोंक कर उतर पड़े हैं। राज्य के सत्तारूढ़ दल तृणमूल काग्रेस ने भी चुनावी रणनीति पर जोर-शोर से काम-काज शुरू कर दिया है। इस कड़ी में तृणमूल काग्रेस का उत्तर बंगाल पर भी विशेष ध्यान है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे व तृणमूल युवा काग्रेस अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी और तृणमूल काग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के चाणक्य प्रशात किशोर (पीके) दो दिन पहले ही सिलीगुड़ी में दो दिन कैम्प कर खास रणनीति तैयार कर गए हैं।

अपने दो दिन के सिलीगुड़ी सफर में अभिषेक बनर्जी व पीके ने यहा एक आलीशान होटल में उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के अपने दलीय विधायकों से अलग-अलग, एक-एक कर बैठक की और आवश्यक रणनीति पर विचार-विमर्श किया। मगर, इस दौरान उन्होंने उत्तर दिनाजपुर जिले और दाíजलिंग जिले के किसी जनप्रतिनिधि या तृणमूल काग्रेस नेताओं से बात नहीं की। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में विशेषकर तृणमूल काग्रेस के विभिन्न खेमों में ही तरह-तरह की बातें सरगोशी करने लगी हैं।

आखिर क्या वजह है कि अभिषेक बनर्जी व पीके ने हर जगह के दलीय नेताओं सह जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत की लेकिन दाíजलिंग व सिलीगुड़ी के नेताओं के साथ कोई बातचीत नहीं की? उन्हें किनारे क्यों रखा गया? अपने दो दिन के सफर में वह कम से कम किसी एक नेता से भी तो बातचीत कर सकते थे लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया? ऐसे ही कई सवालों पर राजनीतिक रस्साकशी शुरू हो गई है। ऐसे तृणमूल नेताओं का दिल धकधक कर रहा है। तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के चाणक्य की इस रणनीति को लोगों के सिर को चकरा के रख दिया है। कोई कुछ नहीं समझ पा रहा है।

सिलीगुड़ी शहर हर प्रकार से उत्तर बंगाल की राजधानी की हैसियत रखता है। इसके बावजूद यहा के दलीय नेताओं व जनप्रतिनिधियों को तवज्जो नहीं दिया जाना कई सवालात पैदा करता है। अगले बरस 2021 में अप्रैल-मई महीने में विधानसभा चुनाव है। उससे पूर्व सिलीगुड़ी नगर निगम और सिलिगुड़ी महकमा परिषद के पंचायत चुनाव भी हो सकते हैं। ऐसे में तृणमूल काग्रेस के कई स्थानीय नेताओं को अपने टिकट को लेकर चिंता सताने लगी है। आगामी चुनावों में टिकट किसको मिलेगा और किसको नहीं? मतलब, कि किसका कटेगा पत्ता और किसका होगा अभिषेक, इसे लेकर हर कोई घोर असमंजस में है। सिलीगुड़ी के जनप्रतिनिधियों व दलीय नेताओं के प्रति दल के चाणक्य पीके के रवैये को लेकर खासा असमंजस व खासी चिंता है।

इसे लेकर अंदर खाने तरह-तरह की बातें हो रही हैं लेकिन खुल कर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। कुछेक नेताओं को टटोलने पर टोह लगा कि, हो सकता है कि यह उनकी (पीके) अपनी कुछ रणनीति होगी? वे (अभिषेक बनर्जी व पीके) यहा किसी भी जिले के दलीय नेताओं से नहीं मिले हैं बल्कि उन्होंने विभिन्न जिलों के दलीय विधायकों यानी कि जनप्रतिनिधियों से मुलाकात व बातचीत की है। दाíजलिंग पार्वत्य क्षेत्र व सिलीगुड़ी समतल क्षेत्र में तृणमूल काग्रेस का एक भी कोई विधायक नहीं है, इसलिए वे किस से बात करते? इसीलिए यहा दलीय नेताओं से बातचीत नहीं किए जाने को लेकर बेवजह बखेड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए। वैसे भी यह अभी शुरुआत ही है। आगे ऐसे और भी उनके बहुत से उत्तर बंगाल व सिलीगुड़ी के सफर होंगे। तब, हो सकता है कि वे अन्य लोगों से भी बातचीत करें, लिहाजा उनके एकदम पहले सफर में दाíजलिंग व सिलीगुड़ी के दलीय नेताओं से बातचीत नहीं किए जाने के मामले को ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए। ऐसी ही और भी तरह-तरह की दलीलें हैं। मगर, अंदर खाने हर कोई सुक-पुक, सुक-पुक कर रहा है। राजनीतिक गलियारे में यह भी कहा जा रहा है कि.. अभी तो इब्तदा-ए-इश्क है रोता है.. आगे-आगे देख होता है क्या..।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.