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हाइवे पर यात्रा में महिलाओं को झेलनी पड़ती है परेशानी

-दैनिक जागरण ने शुरू किया पिंक टॉयलेट अभियान -महेश्वरी महिला मंडल ने खुलकर रखी अपनी बात

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 08:42 PM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2021 08:42 PM (IST)
हाइवे पर यात्रा में महिलाओं को झेलनी पड़ती है परेशानी
हाइवे पर यात्रा में महिलाओं को झेलनी पड़ती है परेशानी

-दैनिक जागरण ने शुरू किया पिंक टॉयलेट अभियान

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-महेश्वरी महिला मंडल ने खुलकर रखी अपनी बात

- कम से कम 50 किलोमीटर पर एक पिंक टॉयलेट बनाने की मांग

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : जिस तरह से पूरे देश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, इससे निश्चित ही विकास के नए-नए अवसर प्रदान हो रहे हैं। यह सही भी है कि जब तक रोड कनेक्टिविटी सही नही रहेगी, तब तक व्यापार के मार्ग नहीं खुलेंगे। लंबी दूरी की अच्छी-अच्छी सड़कें बनने से लोगों के आवागमन में भी काफी सुविधा मिल रही है। हालांकि इन सबके बीच कुछ ऐसी छोटी-छोटी समस्याएं रहती हैं जिन पर ध्यान नहीं देने से गंभीर से गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। इनमें हाइवे पर एक प्रमुख समस्या टॉयलेट को लेकर है। यह नहीं होने से प्रत्येक दिन हजारों लोगों को खासकर महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं की इन समस्याओं के समाधान के लिए दैनिक जागरण ने अपने सामाजिक सरोकार के तहत राष्ट्रीय स्तर पर 'पिंक टॉयलेट' अभियान शुरू किया है। इसी कड़ी में सोमवार को दैनिक जागरण की ओर से सिलीगुड़ी में 'पिंक टॉयलेट' अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के तहत सिलीगुड़ी महेश्वरी महिला मंडल की पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ परिचर्चा आयोजित की गई। जिनमें महिलाओं ने खुलकर अपनी बातें रखी। लंबी दूरी की यात्रा के दौरान हाइवे पर महिलाओं को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दूर-दूर तक कोई टॉयलेट नहीं रहता है। जिससे काफी देर तक यूरिन रोककर रखना पड़ता है। इससे धीरे-धीरे किडनी संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। दैनिक जागरण द्वारा शुरू 'पिंक टॉयलेट' अभियान काफी सराहनीय पहल है। हाइवे पर पिंक टॉयलेट का निर्माण कराया जाना चाहिए।

- भारती बिहानी, अध्यक्ष, महेश्वरी महिला मंडल, सिलीगुड़ी अपने निजी वाहन हो अथवा यात्री वाहन से, लंबी यात्रा पर जाने के दौरान सबसे ज्यादा टॉयलेट संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ता है। महिलाएं कहीं भी टॉयलेट के लिए जा नहीं सकती हैं। अगर सही मायने में कहें तो यह सबसे बड़ी समस्या है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हाइवे के निर्माण के साथ महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट की भी व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि महिलाओं को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।

-सरोजनी मुंदड़ा, पूर्व अध्यक्ष, महेश्वरी महिला मंडल, सिलीगुड़ी हाइवे पर टॉयलेट की व्यवस्था नहीं होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खासकर जो महिलाएं शुगर की मरीज हैं, उन्हें तो और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दैनिक जागरण ने हाइवे पर पिंक टॉयलेट की आवश्यकता पर जो अभियान शुरू किया है, इसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण समेत स्थानीय प्रशासन को भी इस समस्या पर ध्यान देते हुए पिंक टॉलेट के निर्माण की पहल करनी चाहिए।

-बबीता कल्लानी, सदस्य, महेश्वरी महिला मंडल, सिलीगुड़ी

दार्जिलिंग, कालिंपोंग व सिक्किम को केंद्रित कर हर दिन हजारों पर्यटक सिलीगुड़ी आते हैं। काफी संख्या में पर्यटक अपने निजी वाहन से भी आते हैं। जबकि सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग, कालिम्पोंग व सिक्किम के बीच कहीं भी महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। यात्रा के दौरान महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए मध्य दूरी पर एक पिंक टॉयलेट का निर्माण कराया जाना चाहिए।

-रेणु महेश्वरी, सदस्य, महेश्वरी महिला मंडल, सिलीगुड़ी पिंक टॉयलेट की परिकल्पना की मुहिम शुरू कर दैनिक जागरण ने सराहनीय कार्य किया है। पिंक टॉयलेट की शुरूआत सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र से ही होनी चाहिए। महिलाएं जब बाजार में निकलती हैं तो घर वापस आने में कम से कम दो-ढाई घंटे लग जाते हैं। सिलीगुड़ी के विभिन्न बाजारों में महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। सिलीगुड़ी के प्रमुख मार्केटों में पिंक टॉयलेट की व्यवस्था होनी चाहिए।

- सविता झंवर, कोषाध्यक्ष, महेश्वरी महिला मंडल, सिलीगुड़ी हाइवे पर महिलाओं के लिए हाइवे पर टॉयलेट की व्यवस्था नहीं होने से यूरिन संबंधी संक्रमण का खतरा बना रहता है। ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से किडनी संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है। यात्रा के दौरान रास्ते में टॉयलेट ना लगे, इसके लिए पानी पीने से परहेज करना पड़ता है। यदि हाइवे पर पिंक टॉयलेट की व्यवस्था रहे, तो काफी समस्याओं का समाधान हो सकता है।

- रीता कल्लानी, सदस्य, महेश्वरी महिला मंडल, सिलीगुड़ी हाइवे पर कम से कम 50 से 60 किलोमीटर के दायरे में एक पिंक टॉयलेट का निर्माण कराया जाना चाहिए। एक टॉयलेट के निर्माण में काफी कम जमीन की आवश्यकता होती है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क निर्माण के दौरान महिलाओं की इस समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। पिंक टॉयलेट अभियान शुरू कर दैनिक जागरण ने अच्छी पहल की है। यह अभियान जारी रहा तो अवश्य इस समस्या का समाधान होगा।

- मानिक बागड़ी, सदस्य, महेश्वरी महिला मंडल, सिलीगुड़ी


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