दैनिक जागरण के छायाकार ने बिछुड़े बच्चों को मिलवाया उनके पिता से
दैनिक जागरण के फोटो जर्नलिस्ट संजय साह ने रविवार की रात सामाजिक सरोकार का उदाहरण पेश किया। राणाबस्ती निवासी दो बिछुड़े बच्चों इनके पिता बाबू साहेब पासवान को बुलाकर सौंप दिया।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 05:47 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 05:47 PM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। दैनिक जागरण के फोटो जर्नलिस्ट संजय साह ने रविवार की रात सामाजिक सरोकार का अनोखा उदाहरण पेश किया। वार्ड 18 के राणाबस्ती निवासी दो बिछुड़े बच्चों अंश पासवान (7) और पीयूष पासवान (5) को इनके पिता बाबू साहेब पासवान को दैनिक जागरण कार्यालय बुलाकर सौंप दिया। बच्चों को सुरक्षित देखकर पिता रो पड़े।
वार्ड आयुक्त निखिल साहनी ने दैनिक जागरण परिवार और छायाकार की प्रशंसा करते हुए कहाकि इसने यह साबित कर दिया कि वह आखिर नंबर एक क्यों है? यह सिर्फ खबरों के लिए नहीं, बल्कि समाज की गतिविधियों पर भी नजर रखता है।
बच्चों के पिता बाबू पासवान ने बताया कि वे पूरे परिवार के साथ एक शादी में शामिल होने गांधी नगर गए थे। बारात में तेज आवाज में डीजे बज रहा था। अचानक पास ही शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक रैली गुजर रही थी। रैली में दोनों बच्चे आगे बढ़ गए। जब रैली चली गई तो बच्चों को गायब देखकर पूरा परिवार रोने लगा।बारात में शामिल लोग दोनों बच्चों को खोजने लगे, परंतु वे नहीं मिले।
फोटो जर्नलिस्ट संजय साह ने बताया कि वह शहीदों के समर्थन में निकाली गई रैली की फोटो खींचकर सालूगाड़ा कार्यालय लौट रहा था कि रोते हुए दोनों बच्चों पर नजर पड़ गई। पूछताछ करने पर पता चला कि दोनों राणा बस्ती वार्ड 18 के रहने वाले है। एक शादी में आए थे। अचानक माता-पिता से बिछुड़ गये। दैनिक जागरण कार्यालय से इसकी जानकारी वार्ड आयुक्त निखिल सहनी को देते हुए दोनों बच्चों की फोटो भी प्रेषित कर दी गई। वे तुरंत बच्चों को पहचान गए। बच्चों के पिता ने कार्यालय पहुंचकर बच्चों को अपने साथ घर ले गए।
वार्ड आयुक्त निखिल साहनी ने दैनिक जागरण परिवार और छायाकार की प्रशंसा करते हुए कहाकि इसने यह साबित कर दिया कि वह आखिर नंबर एक क्यों है? यह सिर्फ खबरों के लिए नहीं, बल्कि समाज की गतिविधियों पर भी नजर रखता है।
बच्चों के पिता बाबू पासवान ने बताया कि वे पूरे परिवार के साथ एक शादी में शामिल होने गांधी नगर गए थे। बारात में तेज आवाज में डीजे बज रहा था। अचानक पास ही शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक रैली गुजर रही थी। रैली में दोनों बच्चे आगे बढ़ गए। जब रैली चली गई तो बच्चों को गायब देखकर पूरा परिवार रोने लगा।बारात में शामिल लोग दोनों बच्चों को खोजने लगे, परंतु वे नहीं मिले।
फोटो जर्नलिस्ट संजय साह ने बताया कि वह शहीदों के समर्थन में निकाली गई रैली की फोटो खींचकर सालूगाड़ा कार्यालय लौट रहा था कि रोते हुए दोनों बच्चों पर नजर पड़ गई। पूछताछ करने पर पता चला कि दोनों राणा बस्ती वार्ड 18 के रहने वाले है। एक शादी में आए थे। अचानक माता-पिता से बिछुड़ गये। दैनिक जागरण कार्यालय से इसकी जानकारी वार्ड आयुक्त निखिल सहनी को देते हुए दोनों बच्चों की फोटो भी प्रेषित कर दी गई। वे तुरंत बच्चों को पहचान गए। बच्चों के पिता ने कार्यालय पहुंचकर बच्चों को अपने साथ घर ले गए।
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