आवेदन के तहत व्हाइट टी के लिए मिलेगी अनुमति
टी बोर्ड की ओर से 25 जनवरी को जारी एक पब्लिक नोटिस के तहत व्हाइट टी (सफेद चाय) उत्पादन के लिए आवेदन करने पर अनुकूल समय के पहले ही टी बोर्ड चाय बागानों को अनुमति दे देगा
नागराकाटा, संवाद सूत्र। टी बोर्ड की ओर से 25 जनवरी को जारी एक पब्लिक नोटिस के तहत व्हाइट टी (सफेद चाय) उत्पादन के लिए आवेदन करने पर अनुकूल समय के पहले ही टी बोर्ड चाय बागानों को अनुमति दे देगा। इससे पहले टी बोर्ड के अधिकारी चाय बागानों का जायजा लेंगे। टी बोर्ड सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, व्हाइट टी के उत्पादन करने के लिए फैक्टरी चालू रखने की आवश्यकता नहीं है। चाय विशेषज्ञों के अनुसार, चाय पौधों की कली से व्हाइट टी तैयार किया जाता है।
कच्ची सिल्वर रंग की एक-एक कली संग्रहित कर उसे धूप में सुखाया जाता है। कली संग्रह से लेकर चाय उत्पादन तक पूरी प्रक्रिया अत्यंत संवेदनशील है। एक किलोग्राम व्हाइट टी तैयार करने के लिए करीब 10 हजार कली की आवश्यकता है।
पहाड़ के कुछ चाय बागानों से व्हाइट टी का निर्यात होता है। इसलिए इन चाय बागानों में नियमित रूप से व्हाइट टी का उत्पादन होता है। हाल ही में अलीपुरद्वार के माङोरडाबरी चाय बागान ने दो किलोग्राम व्हाइट टी का उत्पादन किया था। प्रति किलो व्हाइट टी की कीमत 10 से 15 हजार रुपये है। टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डुवार्स शाखा के सचिव तथा उत्तर बंगाल के चाय विशेषज्ञ रामवतार शर्मा ने कहा कि अत्यंत जतन के साथ व्हाइट टी का उत्पादन करना पड़ता है। बोर्ड के निर्देश के तहत व्हाइट टी का उत्पादन किया जाता है।
टी बोर्ड के सिलीगुड़ी जोन के उपनिदेशक रमेश कुजूर ने कहा कि व्हाइट टी को छोड़कर अन्य चाय के उत्पादन के लिए नए मौसम में फर्स्ट फ्लैश का उत्पादन शुरू करने के लिए 11 फरवरी का जो अल्टीमेटम दिया गया है, वह यथावत रहेगा।
’>>बागानों के निरीक्षण के बाद टी बोर्ड के अधिकारी देंगे अनुमति
’>>एक किलोग्राम व्हाइट टी के लिए 10 हजार कच्ची कलियों की आवश्यकता