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दुर्गोत्सव में उड़ी पर्यावरण की धज्जियां, रोष

-सार्वजनिक जगहों पर डीजे व आतिशबाजी ने किया बुरा हाल -काली पूजा दिवाली व छठ पूजा में ध्

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 07:56 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 07:56 PM (IST)
दुर्गोत्सव में उड़ी पर्यावरण की धज्जियां, रोष

-सार्वजनिक जगहों पर डीजे व आतिशबाजी ने किया बुरा हाल

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-काली पूजा, दिवाली व छठ पूजा में ध्यान रखने की अपील जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :

दुर्गोत्सव में पर्यावरण संरक्षण के पहलुओं को सरासर नजर अंदाज किए जाने पर सिलीगुड़ी परिवेश बचाओ मंच ने गहरा रोष व्यक्त करते हुए आपत्ति जताई है। इस मंच के संयुक्त संयोजक व शहर के जाने-माने पर्यावरण कार्यकर्ता अनिमेष बोस ने कहा कि दुर्गोत्सव में लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के पहलुओं को एकदम दरकिनार कर दिया। यह अत्यंत घातक है। हम सबने देखा कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान सरेआम सार्वजनिक जगहों पर कानफाड़ू डीजे बजाए गए व जम कर आतिशबाजी की गई। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन था। ऊपर से चिंतनीय यह कि यह सब सरेआम पुलिस-प्रशासन की आंखों के सामने हुआ। इससे जो ध्वनि एवं वायु प्रदूषण हुआ उसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इसके साथ ही दुर्गोत्सव के दौरान शहर भर में जगह-जगह कुकुरमुत्ते के छत्तों की तरह उग आई खान-पान की दुकानों में धड़ल्ले से प्लास्टिक व थर्मोकोल के प्लेट, ग्लास आदि सामग्री का उपयोग किया गया जबकि यह सिलीगुड़ी शहर में प्रतिबंधित है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। इसके प्रति हम सबको गंभीर होना होगा।

उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा उत्सव पहले ही हमलोगों ने सिलीगुड़ी परिवेश बचाओ मंच की ओर से सिलीगुड़ी महकमा शासक व पुलिस कमिश्नर एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ज्ञापन देकर मांग की थी कि दुर्गोत्सव के दौरान प्रदूषण नियंत्रण का पूरा-पूरा ख्याल रखा जाए। पर, इस दिशा में शासन-प्रशासन व पुलिस की ओर से खास कुछ भी नहीं किया गया। यह अत्यंत दुखद है। कई पूजा आयोजकों ने इस बार प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण की थीम पर पूजा पंडाल बनाए। अलग-अलग तरीकों से आम लोगों को इसका संदेश भी दिया गया। मगर, सब कहने की ही बातें सिद्ध हुई करने की बारी में सब कुछ उलटा हुआ।

उन्होंने मांग की है कि अब आसन्न काली पूजा, दीवाली व छठ पूजा के दौरान शासन-प्रशासन व पुलिस एवं आम लोग भी इन पहलुओं का ख्याल रखें। अन्यथा, पर्यावरण को बड़ी हानि होगी और जब पर्यावरण ही नहीं बचेगा तो हम लोगों का अस्तित्व भी नहीं बच पाएगा।


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