Move to Jagran APP

मुश्किलों से निखरकर गुवाहाटी के इमोन अब बन गए 'स्‍मोक किंग'

कोविड महामारी के समय सैकड़ों लोगों की जॉब चली गई किसलय प्रतिम उर्फ इमोन भी इनमें से एक ऐसे युवा थे। कोविड से पहले भी इमोन ने अपने जॉब में कई उतार-चढ़ाव देखे। मगर हार नहीं मानने की जिद ने नई राह दिखाई।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 04:47 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 04:50 PM (IST)
मुश्किलों से निखरकर गुवाहाटी के इमोन अब बन गए 'स्‍मोक किंग'
इमोन अपने रेस्‍टॉरेंट में कुकिंग करते हुए। जागरण फोटो।

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। कोविड महामारी के समय सैकड़ों लोगों की जॉब चली गई, किसलय प्रतिम उर्फ इमोन भी इनमें से एक ऐसे युवा थे। कोविड से पहले भी इमोन ने अपने जॉब में कई उतार-चढ़ाव देखे। मगर हार नहीं मानने की जिद और अपने काम में हमेशा कुछ नया करने की ललक के कारण मुसीबतों से भी ये निखरकर निकले। कॉल सेंटर की जॉब से लेकर ट्रैवल एजेंसी का काम और अंत में अपनी पसंद का काम कुकिंग में मास्‍टरी हासिल कर 'स्‍मोक किंग' बन गए हैं। इमोन इजरायली, इटालियन, चाइनीज, नागा डिशेज और स्‍मोक्‍ड चिकन लाजवाब बनाते हैं। खास बात यह है कि इमोन ने कुकिंग के लिए होटल मैनेजमेंट या किसी तरह की डिग्री नहीं ली, ना ही किसी संस्‍थान से एग्‍जॉटिक फूड बनाना सीखा। कई राज्‍यों में घूमकर, काम कर और अपने काम में नए-नए प्रयोग कर ये एग्‍जॉटिक फूड भी ऐसा बनाते हैं कि खानेवाले कह उठते- वाह! लाजवाब ।

loksabha election banner

कुकिंग की दीवानगी सिर चढ़कर बोली

इमोन ने बताया कि गुवाहाटी से 12वीं तक की पढ़ाई करने के बाद उन्‍होंने दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से इंग्लिश (ऑनर्स) किया। जब वे फर्स्‍ट इयर में थे तभी अपने खर्च के लिए कॉल सेंटर में जॉब करना शुरू कर दिया। ग्रैजुएशन करने के बाद मल्‍टीनेशनल ट्रैवल एंड  टूरिज्‍म कंपनी में काम का मौका मिला। कई बार हिमाचल प्रदेश के कसौल व कुलू सहित कई जगहों पर पर्यटकों को ले जाने का मौका मिला। वे जहां भी जाते, वहां के रेस्‍टॉरेंट्स के किचन में उनकी खास रुचि रहती। कसौल, जिसे मिनी इजरायल भी कहा जाता है, वहां से उन्‍होंने इजरायली और इटालियन रेसिपीज सीखीं। घर आकर उन्‍हें ट्राई करते और मसालों के साथ अपने प्रयोग भी करते। जरूरत पड़ने पर यू ट्यूब से भी सीखते। कुकिंग की दीवानगी उनपर इस कदर चढ़ गई कि 2016 में इन्‍होंने कसौल में अपना रेस्‍टॉरेंट ही खोल लिया। अपने रेस्‍टॉरेंट में वे कुकिंग खुद ही करते हैं।

कई बार जॉब गई, मगर हिम्‍मत नहीं

हालांकि अपनी बेटी की बीमारी की वजह से कसौल का रेस्‍टॉरेंट उन्‍हें बंद करना पड़ा। वे अपने घर गुवाहाटी आ गए। यहां एक दोस्‍त ने नया रेस्‍टॉरेंट खोला था। दोस्‍त के आग्रह पर उन्‍होंने रेस्‍टॉरेंट का किचन सेट अप करने से लेकर कुकिंग का काम भी संभाला। इमोन ने बताया कि इसके बाद चार रेस्‍टॉरेंट में उन्‍होंने किचन का काम संभाला। कोलकाता के चाइना टाउन में रेस्‍टॉरेंट में काम करने का मौका मिला तब उन्‍होंने चाइनीज और नागा डिशेज में हाथ आजमाया। कोविड के कारण वहां भी रेस्‍टॉरेंट बंद हो गया, तब फिर वापस गुवाहाटी आ गए। यहां उन्‍होंने देखा कि स्‍मोक्‍ड चिकन लोग बड़े चाव से खाते हैं, और इसकी अच्‍छी डिमांड है। उन्‍होंने चिकन स्‍मोक्‍ड करने के लिए अपना खास चूल्‍हा बनाया। इनके स्‍मोक्‍ड चिकन का काम चल पड़ा। तब बड़े भाई किंशुक रक्तिम की सलाह और मदद से उन्‍होंने गुवाहाटी में ही अपना रेस्‍टॉरेंट खोला। नाम दिया- स्‍मोक किंग। उनके रेस्‍टॉरेंट का चिकन विद सिजुआन पेपर और चिकन विद बैम्‍बू शूट खासा फेमस है। उन्‍होंने बताया कि उनकी रेसिपीज की खासियत है कि वे बहुत कम ऑयल में बनाई जाती है। वैसे इमोन की एक और चीज लोगों को बहुत पसंद आती है। वह है उनके लंबे-लंबे बालों के लॉक्‍स।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.