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सिलीगुड़ी आए ओम प्रकाश मिश्रा, भव्य स्वागत

-खुद को बाहरी कहे जाने पर बिफरे कहा-भूमिपुत्र हूं मालबाजार में जन्मा हूं -बोले-गत लो

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 10:08 PM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 10:08 PM (IST)
सिलीगुड़ी आए ओम प्रकाश मिश्रा, भव्य स्वागत
सिलीगुड़ी आए ओम प्रकाश मिश्रा, भव्य स्वागत

-खुद को बाहरी कहे जाने पर बिफरे, कहा-भूमिपुत्र हूं, मालबाजार में जन्मा हूं

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-बोले-गत लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीत कृत्रिम थी जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2021 के लिए सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार प्रोफेसर ओम प्रकाश मिश्रा शनिवार को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संग सिलीगुड़ी पहुंचे। यहां बागडोगरा एयरपोर्ट पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एक बार फिर हमारी मां-माटी-मानुष के आदर्शो वाली नेत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की ही जीत होगी व सरकार बनेगी। यहां सिलीगुड़ी समेत पूरे उत्तर बंगाल में भी हर जगह तृणमूल कांग्रेस की ही जीत होगी। यह मेरी आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है।

उन्हें भाजपा व अन्य विरोधी दलों द्वारा सिलीगुड़ी से बाहर का कहे जाने संबंधी सवाल पर बिफरते हुए उन्होंने कहा कि विरोधी तो विरोध करेंगे ही। उन्हें जो कहना है वे कहते रहें। मैं भूमिपुत्र हूं। माला बाजार में जन्मा हूं। उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय में पढ़ा हूं। यहां छात्र राजनीति की है। छात्र परिषद से जुड़ा हुआ था। उस समय हमारे नेता गौतम देव थे। मैं छात्रसंघ चुनाव में महासचिव पद का उम्मीदवार भी रहा था। अपने ही दल तृणमूल कांग्रेस के भी कुछ नेताओं द्वारा उन्हें बाहरी उम्मीदवार कहे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, मुझे भी इसकी जानकारी मिली है। एक-दो लोग हैं जिन्होंने मुझे बाहरी कहा। उनसे मेरी बात हुई है। जब मैंने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि 'आप बहुत अच्छे हैं'। जो मुझे नहीं जानते वही मुझे बाहरी मानते हैं। मेरा जन्म माल बाजार में हुआ। मेरे पिता घनश्याम मिश्रा उत्तर बंगाल में ट्रेड यूनियन आंदोलन के जनकों में से थे।

उनसे जब यह पूछा गया कि भाजपा को कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं, क्योंकि, गत लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को करारी मात दी थी, तो उन्होंने जवाब दिया कि, हां, उस समय भाजपा ने 18 सीटें जीती। उसे लगभग 40 प्रतिशत वोट मिले। ऐसा क्यों हुआ? यह सब जानते हैं। एक आदान-प्रदान हुआ था। कृत्रिम रूप में भाजपा को सुविधा पहुंचाने का एक षड्यंत्र हुआ था। वह कृत्रिम जीत थी। वरना, लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद ही उप चुनाव में के-3 यानी करीमपुर, खड़गपुर व कालियागंज, तीनों ही जगह भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। उसकी जमीन दरक गई। उन्होंने यह भी कहा कि, गौर करें तो 1998 से लेकर अब तक राज्य भर में कहीं भी तृणमूल कांग्रेस के वोट शेयर में कभी कोई कमी नहीं आई है। इस दिन शाम में वह दार्जिलिंग जिला (समतल) तृणमूल कांग्रेस कार्यालय विधान भवन भी गए। जहां दलीय नेताओं व कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

उल्लेखनीय है कि, सिलीगुड़ी (सामान्य) सीट से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार प्रोफेसर ओम प्रकाश मिश्रा जादवपुर विश्वविद्यालय (कोलकाता) के इंटरनेशनल रिलेशंस डिपार्टमेंट के प्रोफेसर हैं। एक समय वह कांग्रेस के हाई प्रोफाइल नेता थे। वह पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। सितंबर 2019 को कांग्रेस छोड़ कर वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए।


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