नर्स ने जिंदा नवजात को छिपाकर दंपती को थमा दिया मृत बच्चा, जानिए कहां
मालदा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में नर्स ने ऐसा काम किया, जिससे उसका पेशा ही कलंकित हो गया।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 10:58 AM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 10:58 AM (IST)
मालदा [संवादसूत्र]। मालदा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में गत बुधवार को एक बार फिर नवजात बच्चे की हेराफेरी का मामला सामने आया। नर्स ने जिंदा बच्चे को रखकर उसके स्थान पर एक मृत बच्चा दंपती को सौंप दिया। यह तो अच्छा था अस्पताल पहुंचने से पहले जन्मे अपने बच्चे की फोटो मोबाइल से ले ली थी। इसी से मामला पकड़ में आया।
जब नवजात के मां-बाप समेत परिजन ने कड़ा प्रतिरोध किया तो पुलिस तत्काल अस्पताल पहुंची। इसके बाद आरोपित नर्स ने माना कि मृत बच्चा स्वरूप मंडल दंपती का नहीं है। साथ ही नवजात पुत्र को दंपती को सौंप दिया। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन की ओर मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
जानकारी के मुताबिक इंग्लिश बाजार के नरहाट्टा अंचल के लक्षीघाट की सागरी बसाक को प्रसव पीड़ा होने पर मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, महिला ने अस्पताल आने के दौरान रास्ते में ही एम्बुलेंस में पुत्र को जन्म दे दिया। उसी समय बच्चे के पिता स्वरूप मंडल ने मोबाइल में नवजात बेटे की तस्वीर ले ली थी। एम्बुलेंस अस्पताल पहुंचते ही प्रसूति विभाग की नर्स ने नवजात को साफ -सफाई के लिए कब्जे में ले लिया।
नवजात के पिता स्वरूप मंडल ने आरोप लगाया कि बुधवार की रात को 12 बजे के करीब नर्स ने उन्हें सूचना दी कि बच्चे की स्थिति सही नहीं है। इस दौरान नर्स ने उनसे कई कागजातों पर हस्ताक्षर करवा लिए। इसके कुछ ही देर बाद नर्स ने एक मृत बच्चे को उनके हवाले कर दिया।
यह देखकर परिवार के लोग रोने लगे। इसी क्रम में नवजात की मां सागरी बसाक को मृत बच्चे को लेकर शक हुआ। उन लोगों ने मोबाइल में ली गई तस्वीर से नर्स द्वारा सौंपे गए मृत बच्चे की मिलान की। उनके बच्चे की तस्वीर से मृत बच्चे का चेहरा नहीं मिला। फिर घटना की खबर पुलिस को दी गई। तत्काल पुलिस अस्पताल पहुंची। इसके बाद नर्स ने बच्चे में हेराफेरी की बात मानी तथा स्वरूप मंडल दंपती को उनका पुत्र वापस लौटा दिया।
जब नवजात के मां-बाप समेत परिजन ने कड़ा प्रतिरोध किया तो पुलिस तत्काल अस्पताल पहुंची। इसके बाद आरोपित नर्स ने माना कि मृत बच्चा स्वरूप मंडल दंपती का नहीं है। साथ ही नवजात पुत्र को दंपती को सौंप दिया। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन की ओर मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
जानकारी के मुताबिक इंग्लिश बाजार के नरहाट्टा अंचल के लक्षीघाट की सागरी बसाक को प्रसव पीड़ा होने पर मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, महिला ने अस्पताल आने के दौरान रास्ते में ही एम्बुलेंस में पुत्र को जन्म दे दिया। उसी समय बच्चे के पिता स्वरूप मंडल ने मोबाइल में नवजात बेटे की तस्वीर ले ली थी। एम्बुलेंस अस्पताल पहुंचते ही प्रसूति विभाग की नर्स ने नवजात को साफ -सफाई के लिए कब्जे में ले लिया।
नवजात के पिता स्वरूप मंडल ने आरोप लगाया कि बुधवार की रात को 12 बजे के करीब नर्स ने उन्हें सूचना दी कि बच्चे की स्थिति सही नहीं है। इस दौरान नर्स ने उनसे कई कागजातों पर हस्ताक्षर करवा लिए। इसके कुछ ही देर बाद नर्स ने एक मृत बच्चे को उनके हवाले कर दिया।
यह देखकर परिवार के लोग रोने लगे। इसी क्रम में नवजात की मां सागरी बसाक को मृत बच्चे को लेकर शक हुआ। उन लोगों ने मोबाइल में ली गई तस्वीर से नर्स द्वारा सौंपे गए मृत बच्चे की मिलान की। उनके बच्चे की तस्वीर से मृत बच्चे का चेहरा नहीं मिला। फिर घटना की खबर पुलिस को दी गई। तत्काल पुलिस अस्पताल पहुंची। इसके बाद नर्स ने बच्चे में हेराफेरी की बात मानी तथा स्वरूप मंडल दंपती को उनका पुत्र वापस लौटा दिया।
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