उत्तर बंगाल के चार स्थानों से जल और मिट्टी जा रही अयोध्या, रामजन्म भूमि पूजन में होगा इस्तेमाल
पांच अगस्त को अयोध्या में होनेवाली भूमि पूजन में पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार कहे जाने वाले उत्तर बंगाल के चार स्थानों का जल व मिट्टी लेकर विहिप कार्यकर्ता अयोध्या जा रहे है।
सिलीगुड़ी [अशोक झा]। पांच अगस्त को अयोध्या में होनेवाली भूमि पूजन में पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार कहे जाने वाले उत्तर बंगाल के चार स्थानों का जल व मिट्टी लेकर विहिप कार्यकर्ता अयोध्या जा रहे है। इसकी जानकारी विशेष बातचीत में विहिप के उत्तरबंगाल प्रान्त संगठन मंत्री अनूप मंडल व प्रदेश कोषाध्यक्ष लक्ष्मण वंसल ने दी। बताया कि मिट्टी व जल महानंदा नदी, तीस्ता नदी, तोर्षा नदी और ठाकुर पंचानंद बर्मन के गाँव से संग्रहित किया गया है। इसे विधि विधान पूर्वक लाकर विहिप कार्यालय भारत माता मंदिर में रखा गया है।
इसमे विहिप के जिलाध्यक्ष सुदीप्त मजूमदार,सेवा प्रमुख सुशील रामपुरिया, जिला सचिव राकेश अग्रवाल तथा बजरंग दल के पवन गुप्ता अपने सहयोगियों के साथ सेवा दे रहे है। बताया कि विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए एक कार्ययोजना तैयार की है। भूमि पूजन के दौरान देशभर की पवित्र नदियों का जल और तीर्थों की पावन माटी का उपयोग होगा। श्रीराम जन्म भूमि के मंदिर को सामाजिक समरसता, राष्ट्रीय एकात्मता और हिंदुत्व के भाव जागरण का प्रतीक बनाया जाएगा।
राम मंदिर का निर्माण, हिन्दू समाज की सैकड़ों वर्षों की अनवरत तपस्या पूरा होने जैसा है। अयोध्या में होने वाले भूमिपूजन के दिन शाम को राममंदिर आंदोलन में दिवंगत हुए कारसेवकों को पांच-पांच दीपक जलाकर श्रद्धांजलि दी जाएगी। वहीं रामभक्त परिवारों में विजय महामंत्र “श्रीराम जय राम जय जय राम” का जप व श्रीराम की आरती घरों में होगी। सूर्यास्त के बाद घरों, मुहल्लों, गांवए बाजार, मठ-मंदिरों, आश्रमों की सजावट कर दीप जलाने की अपील की है।
इतना ही नहीं अगस्त को सभी संत-महात्मा अपने-अपने मठ-मन्दिरों, आश्रमों में और देश-विदेशों में बसे सभी रामभक्त अपने घरों या निकट के मन्दिरों में सामूहिक बैठकर सुबह साढ़े दस बजे से अपने दो आराध्य देव का भजन-पूजन कीर्तन करेंगे। बड़े सभागार, हॉल में टेलिविजन या परदे की व्यवस्था कर अयोध्या में भूमि पूजन के कार्यक्रम को लाइव दिखाने की व्यवस्था की जाएगी। भूमि पूजन कार्यक्रम की शुरुआत 5 अगस्त को सुबह 8 बजे से ही शुरू हो जाएगी लेकिन लगभग 11 बजे इसका वह भाग शुरू होगा, जो पूरे अनुष्ठान का सबसे अहम चरण होगा।