रात के समय जंगली रास्तों में वाहनों की नो एंट्री
रात के समय में जंगल के रास्तों में सड़क हादसों को रोकने व जंगली जानवरों से बढ़ रहे लोगों के संघर्ष को रोकने के लिए प्रशासन ने जंगली रास्तों में यातायात बंद कर दी गई है।
संवाद सूत्र, नागराकाटा। रात के समय में जंगल के रास्तों में सड़क हादसों को रोकने व जंगली जानवरों से बढ़ रहे लोगों के संघर्ष को रोकने के लिए प्रशासन ने जंगली रास्तों में यातायात बंद कर दी गई है। डुवार्स के मूर्ति ब्रिज व खुनिया मोड़ में बेरीकेट लगाकर शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई है।
पुलिस ने दोनों तरफ के गेट को बंद कर दिया है। साथ ही एक नोटिस बोर्ड भी लगाया गया है। प्रशासन के इस कार्य का परिवेश प्रेमी संगठन व अन्यों ने स्वागत किया है। मूर्ति ब्रिज से गोरुमारा व पानझोड़ा जंगल के बीच नागराकाटा जाने वाली खुनिया मोड़ तक करीब पांच किलोमीटर राज्य सड़क है। इसी जंगली रास्ते से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन व बाइक आवाजाही करती है।
लेकिन रात के दौरान कई बार हाथी, तेंदुआ, बाइसन व अन्य जंगली जानवर सड़क पर निकल आते हैं। फलस्वरूप कई बार सड़क हादसे भी हुए हैं। कभी जानवर तो कभी लोगों का नुकसान होता है। इसलिये बहुत सोच समझकर ही रात के समय में उक्त रास्तों को बंद रखने का फैसला लिया गया है। इसलिये शाम छह बजे के बाद मूर्ति व खुनिया मोड़ का गेट बंद कर दिया जा रहा है।
दुर्गापूजा के दौरान ही ये फैसला लिया गया था। चालसा रेंज के रेंजर पल्लव मुखर्जी ने कहा कि जंगल के भीतर सड़क हादसों को रोकने व जंगली जानवरों की सुरक्षा का ख्याल रखकर ही सुबह 6 से शाम 6 बजे तक सड़क मार्ग बंद रखने का फैसला लिया गया है।
इसमें पुलिस, वन विभाग व बीडीओ सभी ने मिलकर फैसला लिया है। चालसा परिवेश प्रेमी मानवेंद्र दे सरकार ने कहा कि प्रशासन का फैसला स्वागतयोग्य है। अब आम लोगों के साथ जानवर भी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे।