पार्क हो, इंडस्ट्री हो, श्मशान न हो
-स्थानीय लोगों ने सरकार के फैसले का किया विरोध -तीस हजार से अधिक लोगों के रहने का
-स्थानीय लोगों ने सरकार के फैसले का किया विरोध
-तीस हजार से अधिक लोगों के रहने का दिया हवाला
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शहर के 42 नंबर वार्ड अंतर्गत सरोजिनी पल्ली इलाके में स्विमिंग पुल के निकट सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से प्रस्तावित श्मशान घाट के निर्माण का इलाके के लोगों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि इलाके में पार्क हो, इंडस्ट्री हो, पर, श्मशान घाट न हो। इस बाबत इलाके के लोगों ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जिस इलाके में श्मशान घाट का निर्माण प्रस्तावित है वह इलाका लोगों की घनी आबादी वाला इलाका है। ऐसे इलाके में शव यात्रा किया जाना आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होगा। जहा भी श्मशान घाट है वहा शवदाह के समय आसपास के इलाके में काफी दुर्गंध फैलती है जो कि विभिन्न रोगों का कारण है। इधर, इस इलाके में दादा-भाई कॉलोनी, पासवान बस्ती, लिंबू बस्ती, प्रमोद नगर, रामचंद्र नगर, सरोजिनी पल्ली, पाल पाड़ा, भूपेंद्र नगर, नेताजी नगर आदि इलाका घनी बस्ती वाला इलाका है। जहा की आबादी 30 हजार से भी अधिक है। यहा किसी की मृत्यु हो जाने पर शव का अंतिम संस्कार किरणचंद्र घाट अथवा कर्बला कब्रिस्तान अथवा साहूडागी व फाफड़ी इलाके में किया जाता है। यहा स्विमिंग पूल के निकट शवदाह नहीं किया जाता है और न ही कब्र दी जाती है। इस इलाके में श्मशान घाट के निर्माण की खबर से इलाके के लोगों में भय व आतंक का माहौल है। वे लोग चिंता में सो नहीं पा रहे हैं। यदि इलाके में श्मशान घाट बनाया गया तो यहा के लोगों को अपना घर, अपनी जमीन सब बेच कर कहीं और चले जाना पड़ेगा। इलाके का आíथक विकास ठप हो जाएगा। नए रोजगार की व्यवस्था नहीं हो पाएगी। जमीन का दाम कम हो जाएगा। इन सब पर विचार करते हुए सिलीगुड़ी नगर निगम को इस इलाके में प्रस्तावित श्मशान घाट का निर्माण नहीं करना चाहिए।