कोरोना काल में रमजान की रौनक फीकी
- जामा मस्जिद के सामने सजा छोटा बाजार -श्रद्धालुओं और ग्राहकों की संख्या बेहद ही कम जागरण
- जामा मस्जिद के सामने सजा छोटा बाजार
-श्रद्धालुओं और ग्राहकों की संख्या बेहद ही कम
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : रमजान के पाक महीने में स्थानीय जामा मस्जिद के सामने हल्का-फुल्का बाजार सज गया है। किंतु ग्राहक ना के बराबर हैं। पंडाल इत्यादि नहीं बनाए गए हैं। सेवई, लच्छा, खजूर, टोपी, इत्र सहित अन्य सामान यहां पर उपलब्ध हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए दुकानदार समसुल आलम ने बताया कि सेवई-लच्छों को पटना, कोलकाता, लखनऊ से मंगाया गया है। किंतु ग्राहक नहीं हैं। कोरोना के भय से आसपास के इलाके सहित पहाड़ से ग्राहक नहीं आ पा रहे हैं। मास्क का प्रयोग करने के लिए सभी से बार-बार कहा जा रहा है। जहां तक शारीरिक दूरी का सवाल है इतने ग्राहक नहंी हैं कि इन सब नियमों का पालन करने की आवश्यकता पड़े। इस समय जिस तरह का बाजार होना चाहिए वैसा नहीं है। लच्छे की कीमत दो सौ रुपये से शुरू होकर तीन सौ से चार सौ रुपये प्रति किलो है। जिन्हें ग्राहक अपने बजट के अनुरूप खरीद सकते हैं। इसी कड़ी के तहत सेवई की कीमत एक-डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो है। कन्नौज, मुंबई से इत्र मंगाया गया है। टोपी इत्यादि भी मंगाई गई है। जिसकी कीमत साठ रूपये से शुरू होती है। वहीं ग्राहकों का कहना है कि यहां पर एक ही स्थान से खरीदारी करने का मौका मिल जाता है। जहां पर सारी वस्तुएं एक ही जगह मिल जाती है। जिन्हें ग्राहक अपनी पसंद के अनुसार चुन सकता है। किंतु इस वर्ष कोरोना महामारी को लेकर बाजार पूरी तरह से नहीं सजा है। जिस तरह का उत्साह हर वर्ष नजर आता है वैसा उत्साह नहीं है। आगामी दिनों में बाजार की स्थिति क्या होगी ये तो समय ही बताएगा।