बार-बार पत्र देने के बाद भी राज्य सरकार से नहीं मिली आर्थिक सहयोग : अशोक
-सिलीगुड़ी नगर निगम समेत राज्य अन्य नगर निकायों की चुनाव जल्द से जल्द कराने की मांग -राजस्थान में
-सिलीगुड़ी नगर निगम समेत राज्य अन्य नगर निकायों की चुनाव जल्द से जल्द कराने की मांग
-राजस्थान में पंचायत तथा बिहार में विधान सभा चुनाव हो सकता है, तो फिर पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं, किया सवाल
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासकीय बोर्ड के चेयरपर्सन अशोक भट्टाचार्य ने सिलीगुड़ी नगर निगम के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा राशि मुहैया नहीं कराए जाने के लेकर एक बार फिर से नाराजगी जताई हैं। उन्होंने शनिवार को सिलीगुड़ी नगर निगम कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम का राज्य सरकार के पास करोड़ों रुपये बकाया है। उक्त राशि जारी करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम तक को पत्र दिया गया। मंत्री हाकिम से व्यक्तिगत रूप से मिलकर नगर निगम नगर निगम की बकाए राशि जारी करने की मांग की गई। बार-बार पत्र लिखने के बाद भी इसका कोई असर नहीं हुआ। सिलीगुड़ी नगर निगम को पूरे उनके कार्यकाल के दौरान आर्थिक रूप से उपेक्षित करके रखा गया। उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासकीय बोर्ड के प्रशासक बनने के बाद भी यही स्थिति बनी हुई है। भट्टाचार्य ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सिलीगुड़ी नगर निगम समेत राज्य के 110 नगरपालिका बोर्डो में चुनाव की माग की है। उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर राज्य के शहरी विकास व नगर पालिका मामलों के मंत्री फिरहाद हाकिम को पहले भी पत्र लिखे हैं। उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी नगर निगम व कोलकाता निगम समेत राज्य के सौ से ज्यादा नगर निकायों का कार्यकाल पूरा होने के बाद कोरोना वायरस महामारी के चलते समय से चुनाव नहीं हो पाया। इन नगर निकायों को चलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा तत्कालीन नगर निगमों के मेयर व नगर पालिकायों के चेयरमैन तथा मेयर परिषद के सदस्यों को लेकर प्रशासकीय बोर्ड गठित किया गया। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासनिक बॉडी के संचालन के चुनाव के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। लोकतंत्र व विकेंद्रीकरण के क्षेत्र में चुनाव जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से पूरा देश प्रभावित हुआ है। हालांकि हमें यह भी देखना है कि कोरोना महामारी के बीच ही राजस्थान में पंचायत चुनाव कराया गया है। केरल में स्वायतशासी संस्था का चुनाव कराया गया। बिहार में विधान सभा चुनाव कराया गया है। जब इन राज्यों में चुनाव हो सकता है, तो फिर पश्चिम बंगाल नगर निकाय व पंचायत चुनाव क्यों नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जल्द से जल्द नगर निकाय की चुनाव प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए।