महामारी के बजाय चुनावों पर ध्यान दे रही तृणमूल सरकार : राजू बिष्ट
कोरोना के बजाय चुनाव पर ही बंगाल सरकार का ध्यान राजू बिष्ट ने लगाया आरोप
-कोरोना की पहली व तीसरी लहर के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं में नहीं हुआ कोई सुधार
-भाजपाई सांसद ने नगर निगम चुनाव को स्थगित करने की जताई आवश्यकता
-प्रशासन की जगह तृणमूल सांसदों द्वारा फरमान जारी करने का लगाया आरोप जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने आरोप लगाया है कि, पश्चिम बंगाल राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार कोरोना महामारी से निपटने की जगह राज्य के चार नगर निगमों के चुनावों पर ही ज्यादा ध्यान दे रही है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद ही स्वास्थ्य मंत्री हैं लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था में अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है। पहली लहर के दौरान जो बुरा हाल था वैसा ही बुरा हाल अभी तीसरी लहर के दौरान भी है। एक विज्ञप्ति के माध्यम से राजू बिष्ट ने ये उद्गार व्यक्त किए हैं।
उन्होंने राज्य में एक ओर लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना के मामलों और एक ओर नगर निगमों के चुनाव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, संविधान सभा ने भारत को एक ऐसे लोकतंत्र के रूप में देखा जो, लोगों का, लोगों द्वारा लोगों के लिए है, लेकिन दु:ख की बात है कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार में ऐसा कुछ भी नहीं है। यहां पर लोकतंत्र को तृणमूल कांग्रेस के लोगों के लिए लाभ का जरिया मात्र बना कर रख दिया गया है। देखा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में प्रशासन की जगह तृणमूल कांग्रेस सांसदों द्वारा यह फरमान जारी किया जाता है कि राज्य के कौन से इलाके को कब खोलना है, तथा कब बंद रखना है।
कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र, सिलीगुड़ी, तराई, डुआर्स और पूरे पश्चिम बंगाल में लोगों को चिकित्सा की बुनियादी ढाचे, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, प्रशिक्षित डॉक्टरों, नसरें और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों की कमी के कारण भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
हालाकि मुख्यमंत्री खुद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, लेकिन दो साल बाद भी स्वास्थ्य ढाचे की बदहाली जस की तस बनी हुई है। इस क्षेत्र में कोरोना के पहली और तीसरी लहर के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है। आज हजारों डॉक्टरों, नसरें और पुलिस अधिकारियों सहित अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं।
बिष्ट ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार ने जनता के लिए कुछ नहीं किया है। महामारी से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, तृणमूल सरकार चुनावों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है। ऐसे महत्वपूर्ण समय में चुनाव सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब नगर निगम व पंचायत चुनाव कराना चाहिए था, तब तृणमूल सरकार ने चुनाव कराने की जगह, अलोकतांत्रिक तरीके से इन निकायों को चला रही थी। जब राज्य में एक बार फिर से कोरोना के मामले चरम पर हैं, और स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है, इस स्थिति को देखते हुए, मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग को प्रस्तावित नगर निगम चुनावों को स्थगित कर देना चाहिए। कम से कम एक महीने के लिए चुनाव स्थगित करने से इन निकायों के दिन-प्रतिदिन के कामकाज में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।