वनबंधु परिषद का गांधी शांति पुरस्कार समारोह दो अक्टूबर को
फोटो-राजेश-पांच -शिक्षा के प्रचार-प्रसार में चलाए जा रहे एकल अभियान को भारत सरकार ने गा
फोटो-राजेश-पांच
-शिक्षा के प्रचार-प्रसार में चलाए जा रहे एकल अभियान को भारत सरकार ने गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किया
-समारोह के दौरान बंगाल संभाग के पूर्णकालीन सदस्यों को किया जाएगा सम्मानित
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : वनबंधु परिषद द्वारा पूरे देश में शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए चलाए जा रहे एकल अभियान को भारत सरकार द्वारा गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है। सामाजिक संभाव एंव शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एकल अभियान के ट्रस्टी मांगी लाल जैन को प्रदान किया था। एकल अभियान को गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने के उपलक्ष्य में वनबंधु परिषद, लीगुड़ी चेप्टर की ओर से सेवक रोड स्थित उत्तर बंग मारवाड़ी पैलेस में दो अक्टूबर गांधी जयंती के दिन गांधी शांति पुरस्कार समारोह आयोजित किया जाएगा। वनबंधु परिषद, सिलीगुड़ी चेप्टर के सचिव सुशील रामपुरिया ने रविवार को सेवक रोड स्थित वनबंधु परिषद, सिलीगुड़ी चेप्टर कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी शांति समारोह पुरस्कार समारोह के मौके पर बंगाल संभाग के पूर्णकालीन सदस्यों को सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा, इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में एकल अभियान के केंद्रीय कार्यालय प्रमुख चैतन्य प्रसाद जेना उपस्थित होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में बीएसएफ कदमतल्ला के कमांडेंट मुरारी सिंह व विशिष्ट समाजसेवी आरके अग्रवाल मौजूद रहेंगे। वनबंधु परिषद, सिलीगुड़ी चेप्टर के संस्थापक अध्यक्ष आरके गोयल ने बताया कि वनबंधु परिषद एक सशक्त समाजसेवी संस्था है, जो वर्ष 1987 से भारत में सक्रिय रूप से गांव-गांव में शिक्षा का प्रसार करती है। सिलीगुड़ी भी उसी का एक चेप्टर है। वनबंध परिषद के एकल अभियान को शिक्षा के उपलब्धियों के के कारण गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किया गया है। वनबंध परिषद, सिलीगुड़ी चेप्टर के अध्यक्ष नेमचंद्र जैन ने बताया कि वनबंध परिषद का एक ही उद्देश्य है कि एक भी बच्चा अशिक्षित न रहे। यह कार्य वनबंधु परिषद बिना किसी भेद-भाव का कर रहा है। परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंहल ने कहा कि वनबंधु परिषद की स्थापना स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा से वर्ष 1987 में हुई थी। उन्होंने कहा कि भारत का गांव काफी गरीब है। उन्होंने कहा कि जब छात्र स्कूल तक न पहुंचे, तो स्कूल को छात्रों तक पहुंचना होगा। आज पूरे देश में लगभग 95 हजार एकल विद्यालय चल रहे हैं। महिला समिति की अध्यक्ष इंदू गोयल ने कहा कि एकल अभियान के माध्यम से घर-घर जाकर बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्हें बुलाकर पढ़ाया जाता है। इसका देन है कि संस्था को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इस मौके पर वनबंधु परिषद, सिलीगुड़ी चेप्टर के उपाध्यक्ष अशोक अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष हनुमान डालमिया, गांधी शांति पुरस्कार समारोह के संयोजक ओम प्रकाश जैन व परिषद की कार्यकारी अध्यक्ष उमा गोयल समेत अन्य लोग उपस्थित थे।