Move to Jagran APP

सुरक्षित यातायात : जनभागेदारी से ही होगा सुरक्षित सफर

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी सड़क दुघर्टनाएं वाहन चालकों की लापरवाही और चूक तथा नियम-कायदों

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 06:00 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 06:00 PM (IST)
सुरक्षित यातायात : जनभागेदारी से ही होगा सुरक्षित सफर
सुरक्षित यातायात : जनभागेदारी से ही होगा सुरक्षित सफर

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सड़क दुघर्टनाएं वाहन चालकों की लापरवाही और चूक तथा नियम-कायदों की अनदेखी की वजह से होती हैं। इस गलती के पीछे शराब का सेवन सबसे प्रमुख कारण है। 70 फीसद दुर्घटनाएं वाहन चालकों की लापरवाही से होती हैं। करीब 10 फीसद दुर्घटनाएं वाहनों की तकनीकी खराबी के कारण, छह फीसद खराब मौसम के कारण और शेष चार फीसद के लिए खराब सड़कें जिम्मेदार हैं। इसे पूरी तरह रोकने के लिए जरुरी है जनभागेदारी। सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्त त्रिपुरारी अर्थव का कहना है कि जागरुकता और वाहन चालकों के आत्ममंथन के बाद ही पुरी तरह सुरक्षित यातायात संभव है। इसके लिए लगातार यातायात पुलिस का अभियान चलाया जाता है। जुर्माना लगाकर दंड वसूलने से ही दुर्घटना पर रोक नहीं लगाया जा सकता। कई बार देखा गया है चालक पुलिस को देखकर हेलमेट या सीट बेल्ट लगाते है और कुछ ही दूरी के बाद उसे उतार देते है। यह जागरुकता का अभाव व इच्छाशक्ति की कमी है। यातायात के नियम चालकों के हित के लिए है। उसका पालन कराने से वे खुद सुरक्षित रहेंगे और परिवार को भी सुरक्षित रख पाएंगे।

loksabha election banner

ड्राइविंग लाइसेंस प्रमुख कारण

वाहन चालकों की लापरवाही इन दुर्घटनाओं में सबसे अहम है। यह बात किसी से छिपी नहीं है। क्षेत्र का तकरीबन पूरा यातायात महकमा भारी भ्रष्टाचार से ग्रस्त है। विकसित देशों के बारे में कहा जाता है कि वहा ड्राइविंग लाइसेंस लेना डिग्री हासिल करने जैसा काम होता है। जबकि अपने यहा भ्रष्ट व्यवस्था में यह संभव है कि बुनियादी शर्तो को पूरा किए बिना भी लाइसेंस मिल जाए। बल्कि यह कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि तमाम नियमों को दरकिनार करते हुए हमारे यहा लोगों को आसानी से लाइसेंस दिया जाता है। लेकिन मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 में ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी नियमों को और सख्त बनाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही इसमें लाइसेंसिंग प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी की शुरुआत करके कई चुनौतियों का समाधान किया गया है।

तकनीक व्यवस्था में सुधार पर दिया जा रहा है जोर

सड़क दुर्घटनाओं की प्रमुख वजहों में एक यह भी है कि तकनीकी खराबी के बावजूद वाहन का इस्तेमाल होता रहता है। लेकिन अब संशोधित अधिनियम में अंतरराष्ट्रीय मानकों को लागू करते हुए यह व्यवस्था की गई है कि अगर कोई वाहन तकनीकी या यात्रिक रूप से खराब निकलता है तो संबंधित निर्माता कंपनी को उसे वापस मंगाना होगा। नए वाहनों की जाच प्रणाली को बदल कर और दुरुस्त किया जाएगा। टायर कंपनियों पर भी नकेल कसने की बात है। अगर गाड़ी या टायर की खराबी की वजह से कोई हादसा होता है तो संबंधित कंपनिया जिम्मेदार होंगी। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्गो का निर्माण वाली कंपनियों पर भी शिकंजा कसा गया है।

खराब सड़कों को दुरूस्त करना खराब सड़कों की वजह से अगर कोई हादसा होता है तो इस पर वर्तमान में सड़क बनाने वाले इंजीनियरों की कोई जवाबदेही नहीं है। लेकिन इस संशोधन में उन्हें भी कानून के दायरे में लाया जा रहा है और उन पर भारी जुर्माने की व्यवस्था की जा रही है।

तीसरे पक्ष की सुनिश्चित हो भागेदारी

मोटर वाहन संशोधन अधिनियम का एक प्रावधान तीसरे पक्ष के बीमा के बारे में भी है, जिसमें मुआवजे की राशि बढ़ाई गई है ताकि हादसा होने पर प्रभावित पक्ष को राहत पहुंचाई जा सके। इस बारे में बीमा कंपनियों और गाड़ी मालिकों की ईमानदारी को भी कायम करने की जरूरत है, क्योंकि बीमा के तहत कई बार जरूरतमंद लोग मुआवजा नहीं उठा पाते, जबकि पहुंच वाले लोग मामूली हादसे में भी भारी राशि वसूल लेते हैं। यह कार्य तभी संभव है जब सरकार और बाजार की कार्यप्रणाली में काम करने की जवाबदेह और पारदर्शी संस्कृति का विकास हो।

वाहन निर्धारित गति और लेन में चलाने का सुझाव

हिट एंड रन के मौत मामले में मुआवजा 25 हजार से बढ़ाकर दो लाख किया गया है। घायल होने पर मुआवजा 12500 से बढ़ाकर

50 हजार हुआ है। सड़क पर चलने वाले सभी लोगों को अनिवार्य रूप से इंश्योरेंस कवर और सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर एक मोटर वाहन दुर्घटना कोष गठित होगा।

ड्राइविंग स्कूल के प्रमाणपत्र धारक ही हो लाइसेंस के पात्र

बदल रही है संस्कृति में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 (एमवीएए) का मकसद देश में सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करना है। इसके लिएनियमों का उल्लंघन करने वाले के लिए कई गुना सख्त प्रावधान किए गए हैं। इस कानून का असर जानने के लिए सड़क सुरक्षा के लिए काम कर रही सेफ ड्राइव-सेव लाइफ की ओर से लगातार अध्ययन हो रहा है। इस अध्ययन में कानून लागू होने से पहले और कानून लागू होने के बाद वाहन चालकों के आचार, विचार और व्यवहार में आए बदलाव का तुलनात्मक अध्ययन किया गया। इसमें बसों, ट्रकों, दोपहिया वाहनों के साथ हल्के वाहनों को शामिल किया गया। नतीजे बहुत सकारात्मक रहे।

इन नियमों का पालन करना जरुरी : एआरटीओ

- यातायात संकेतों का पालन करें।

-मोड़ पर हॉर्न जरूर बजाएं, रात में डिपर का प्रयोग करें।

- निजी वाहनों के नंबर सफेद प्लेट पर काली स्याही से तथा व्यावसायिक वाहनों पर पीली प्लेट पर काली स्याही से लिखे होने चाहिए।

- नंबर प्लेट साफ और सही लिखवाएं। उसमें कलात्मक लेखन न हो और वह चमकीले धातु की न हो।

- 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लिए गियर वाली गाड़ी प्रतिबंधित है।

- चकाचौंध करने वाली तथा अनधिकृत लाइटों का प्रयोग वíजत है।

- वाहनों के सामने की हेडलाइट का ऊपरी आधा हिस्सा काला पुता होना चाहिए। साथ ही चमकीला रिफलेक्टर लगवाएं।

- वैध परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन किताब, प्रदूषण प्रमाण-पत्र और बीमा के कागजात सदैव अपने पास रखें।

-यात्री गाड़ियों में निर्धारित क्षमता से अधिक सवारिया बैठाना नियम विरुद्ध है।

-शासन से अधिकृत न हों तो वाहनों पर लाल एवं नीली बत्ती लगाना अवैध है।

-ज्वलनशील पदार्थो को गाड़ी में न ले जाएं।

-नंबर प्लेट के स्थान पर अन्य कोई पदनाम आदि की प्लेट न लगाएं।

- दाएं-बाएं मुड़ने से पूर्व संकेत दें।

- चालक आखों की समय-समय पर जाच कराएं और नशा कर गाड़ी न चलाएं।

- सवारी गाड़ी पर प्राथमिक चिकित्सा पेटी रखना अनिवार्य है।

-वाहनों को निर्धारित स्थान पर पार्क करें, खराब होने पर बीच सड़क में न छोड़ें।

-कर्कश ध्वनि के हॉर्न का प्रयोग प्रतिबंधित है।

-हेलमेट पहनकर ही दुपहिया वाहन चलाएं।

-वाहन चलाने के दौरान मोबाइल फोन पर बात न करें।

-गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग करें।

-रेलवे क्रासिंग बंद होने पर एक ओर खड़े रहें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.