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हाई टेक हुआ पंचायत चुनाव, मोबाइल से मांगा जा रहा वोट

-वोट देने आने के लिए किया जा रहा आग्रह, गांव के बड़े लोगों को इसमें जोड़ने का हो रहा है काम जागरण

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 May 2018 01:05 PM (IST)Updated: Sun, 13 May 2018 01:05 PM (IST)
हाई टेक हुआ पंचायत चुनाव, मोबाइल से मांगा जा रहा वोट
हाई टेक हुआ पंचायत चुनाव, मोबाइल से मांगा जा रहा वोट

-वोट देने आने के लिए किया जा रहा आग्रह, गांव के बड़े लोगों को इसमें जोड़ने का हो रहा है काम

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जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सूबे में 14 मई को पंचायत चुनाव होना है। सिलीगुीड़न् पुलिस कमिश्नरेट के डाबग्राम फूलबाड़ी जिसका थाना एनजेपी, आसीघर और आमबाड़ी है। यहां पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासन की ओर से सभी प्रकार की तैयारी कर असमाजिक तत्वों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। यहां का पंचायत चुनाव राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव के प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। अगर दो पंचायत भी हारे तो उनके पार्टी के अंदर के लोग ही उनपर दबाव बनाने में जुट जाएंगे। विपक्ष उनपर गणतंत्र की हत्या करते हुए पुलिस प्रशासन से दबाव डलवाने का आरोप लगा रहे है। पंचायत चुनाव प्रचार हाइटेक हो गया है। पंचायत के सभी क्षेत्रों के प्रत्याशियों और उनके समर्थक चुनाव में वोट मागने तथा मतदाताओं से समर्थन मागने के तरीके बदल गए हैं। यह पढ़कर पाठकों को आश्चर्य भी लगे कि बंगाल में तो चुनाव संपन्न हो गया फिर कौन उम्मीदवार मतदाताओं से मोबाइल के माध्यम से वोट मांग रहा है। सिलीगुड़ी में पंचायत के हजारों मतदाता रहते है। कई ऐसे है जो यहां रहकर अपना व्यापार करते है। प्रचार समाप्त होने के बाद उम्मीदवार जहा गली-गली नाप रहे हैं, वहीं प्रत्याशी समर्थक मोबाइल के माध्यम से मतदाताओं से समर्थन माग रहे हैं। मतदाताओं पर अपना प्रभाव कायम करने के लिए इलाके के बड़े नामचीन लोगों का साथ लिया जा रहा है। प्रत्याशी व्हाट्सअप गु्रप बनाकर अपनी गतिविधियों को बता रहे हैं। एसएमएस के माध्यम से उन्हें मोहित करने के लिए कई प्रकार के नामों का सहारा लिया जा रहा है। मतदाताओं पर प्रभाव डालने के गांव व पार्टी के बड़ी हस्तियों को शामिल किया जा रहा है। चुनाव प्रचार 12 मई की संध्या समाप्त हो गया। अब तक गांव के एक-एक गलियों को प्रत्याशियों ने नाप लिया है। प्रत्याशियों की ओर से मतदाता पर्ची तैयार किया जा रहा है। कुछ वाडरें में प्रत्याशी खुद पर्ची बाट रहे हैं तो कहीं उनके समर्थक। दलगत आधार पर चुनाव नहीं होने से एक-एक गांव में समान विचारधारा के प्रत्याशी आपस में ही टकरा रहे हैं।


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