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ममता किसानों की हमदर्द नहीं सबसे बड़ी दुश्मन : राजू बिष्ट

-राज्य सरकार के कारण बंगाल के 70 लाख किसानों को नहीं मिल पाया फायदा -वोट बैंक के क

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 03:27 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 03:27 PM (IST)
ममता किसानों की हमदर्द नहीं सबसे बड़ी दुश्मन : राजू बिष्ट
ममता किसानों की हमदर्द नहीं सबसे बड़ी दुश्मन : राजू बिष्ट

-राज्य सरकार के कारण बंगाल के 70 लाख किसानों को नहीं मिल पाया फायदा

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-वोट बैंक के कारण किसानों की बात करना राज्य सरकार को नहीं देता शोभा

-किसानों के धान के खरीदारी के नाम पर हुआ बड़ा घोटाला

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :

किसान आंदोलन के बढ़ते प्रभाव को लेकर अन्य दलों की तरह पश्चिम बंगाल की सरकार और यहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसान आंदोलन को लेकर आंदोलन की घोषणा की है। इसको लेकर वह बैठक कर इसकी रुपरेखा तैयार करने वाली है। जबकि केंद्र सरकार किसान आंदोलन के संगठनों से लगातार बातचीत कर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के किसान समर्थन में दिए गये बयान और आंदोलन को लेकर दार्जिलिंग के सांसद सह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने ममता बनर्जी पर सीधा हमला किया है। कहा है कि ममता बनर्जी किसानों की हमदर्द नहीं बल्कि सबसे बड़ी दुश्मन है। ममता बनर्जी और उनकी सरकार किस प्रकार किसान विरोधी है इसका ज्वलंत उदाहरण है कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को लाभ नहीं लेने दी। इस योजना में बंगाल के 70 लाख किसानों को जो लाभ सीधे उनके खाते में 8400 करोड़ रूपये जाते वह नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी काल में

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों के हित में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू करके उन्हें सहारा दिया था। उसे भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसानों को इस सहायता से वंचित रखा।

उन्होंने कहा कि बंगाल के किसानों के साथ सरकार छल कर रही है। राज्य में सरकार ने 1815 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीद का एमएसपी निर्धारित किया है। जबकि धान उत्पादक किसानों से 1400 रुपए प्रति क्विंटल खुले बाजार से धान खरीदा गया। इतना ही नहंी धान खरीदारी में भी अलग जांच हो तो बड़े भ्रष्टाचार के मामले सामने आएंगे। दार्जिलिंग जिले के किसानों से धान नहीं खरीद कर अलीपुरद्वार के किसानों से धान खरीदारी दिखाया गया। राज्य सरकार की ओर से दिखाया गया है कि एमएसपी पर धान खरीदा गया। सिंडिकेट राज के तहत इस तरह से प्रति क्विंटल 400 का नुकसान राज्य के धान उत्पादक किसानों को हुआ है। यह पैसा किसकी जेब में गया इसका भी ममता सरकार को जबाव देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने फर्जी किसानों से धान खरीदा। इसकी जाच होनी चाहिए।

उन्होंने दावा किया है कि राज्य में एमएसपी घोटाला हुआ है। अगर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसानों की इतनी बड़ी हमदर्द बनने का ढोंग कर रही है, तो सबसे पहले राज्य के किसानों के हित के बारे में उन्हें कदम उठाएं। इस खरीद की जांच कराएं।


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