डेंगू को लेकर लोगों को रहना होगा सतर्क
-मच्छर का बढ़ा प्रकोप कोरोना के साथ डेंगू से डरे हुए है लोग जागरण संवाददाता सिलीगु
-मच्छर का बढ़ा प्रकोप, कोरोना के साथ डेंगू से डरे हुए है लोग
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :
पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार सिलीगुड़ी में सर्दी का मौसम दस्तक दे चुका है। तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। जिसके कारण हल्की ठंड भी लगने लगी है। ठंड के इस शुरुआती दौर में मच्छरजनित बीमारी की संभावना भी बढ़ गयी है। संभावना ना केवल बढ़ गई है, बल्कि पिछले करीब डेढ़ महीने से क्षेत्र में जारी जलजमाव के कारण डेंगू महामारी का रूप ले सकता है। इस ओर ना तो नगर निगम प्रशासन का ध्यान है और ना ही स्वास्थ्य विभाग का। ऐसे में खुद सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। इसलिए, ठंड के मौसम में भी मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करना होगा, जिससे डेंगू से दूर रह सकेंगे। यह कहना है नगर निगम में स्वास्थ्य व्यवस्था की देखरेख करने वाले शंकर घोष का। उनका कहना है कि इसके लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए जरुरी है कि शहर के प्रत्येक वार्ड के लोगों के साथ प्रतिनिधियों को ध्यान देना होगा।
मच्छरदानी का उपयोग बचाव का सबसे आसान और बेहतर उपाय
पूर्व विधायक सह रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन डाक्टर रुद्रनाथ भट्टाचार्य ने बताया कि वर्तमान में डेंगू से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करना सबसे आसान और बेहतर उपाय है। इसके अलावे साफ-सफाई, रहन-सहन में सकारात्मक बदलाव की जरूरत है। साथ ही लक्षण दिखने के साथ ही तुरंत चिकित्सकों से जाच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श के अनुसार इलाज कराना चाहिए। ताकि परेशानिया नहीं बढ़े और ससमय इलाज शुरू हो सके।
साफ-सफाई का रखें विशेष ख्याल
डेंगू से बचाव को लेकर खुद के साथ-साथ घरों एवं आसपास के क्षेत्रों की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। जैसे, शौचालय एवं उसके आसपास की जगह, किचन, बेडरूम आदि। क्योंकि यह बीमारी मच्छर काटने से होता और गंदे जगह पर मच्छर पनपते एवं रहते हैं। इससे बचाव के लिए खुद के साथ-साथ दूसरों को भी जागरूक करें। जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव होगा।
पानी में पनपता है मच्छर, नहीं होने दें जलजमाव
यह मच्छर स्थिर पानी में पनपता है। इसलिए, घर समेत आसपास में जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें। साथ ही टूटे-फूटे बर्तन, एसी, कूलर, फ्रीज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी समेत अन्य जगहों पर पानी का जमाव नहीं होने दें।
ऐसे पहचानें डेंगू के लक्षण
डेंगू के बुखार में उल्टी, सूजन, चकत्ते (रैशेज) होते हैं। अगर डेंगू ने गंभीर रूप ले लिया हो तो इसमें बार-बार उल्टी आना, सास तेज चलना, पेट में दर्द रहना, मसूड़ों से खून निकलना, कमजोरी, उल्टी में खून आने के लक्षण मिलते हैं। शुरुआती दौर में इलाज शुरू करने से मरीजों को विशेष परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। इसलिए, लक्षण दिखते ही इलाज शुरू करें।
बहुत कारगर है डेंगू का घरेलू उपचार
आयुर्वेदिक चिकित्सक राजधवल सिंह का कहना है कि डेंगू के बुखार से बचने के लिए गिलोय जूस को कारगर माना गया है। इन दिनों सिलीगुड़ी के कोने कोने में गिलोय बिक रहे है। गिलोय जूस मेटाबोलिज्म बेहतर करने के साथ-साथ इम्युनिटी भी मजबूत करता है। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता डेंगू के बुखार से लड़ने में शरीर की मदद करती है। इससे प्लेटलेट काउंट बढ़ता है और रोगी को बेहतर राहत महसूस होता है। एक गिलास पानी में दो छोटे गिलोय के तनों को उबाल लें और इस पानी को गुनगुना होने पर पी लें। इसका दिन में दो बार से अधिक नहीं सेवन करें।