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विमल गुरुंग खेमे मेंभाजपा ने लगाया सेंध

-गुरुंग के करीबी और गोरखालैंड आंदोलन से जुड़े नेता को बनाया भाजपा जिलाध्यक्ष -हिल्स के

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 04:06 PM (IST)
विमल गुरुंग खेमे मेंभाजपा ने लगाया सेंध
विमल गुरुंग खेमे मेंभाजपा ने लगाया सेंध

-गुरुंग के करीबी और गोरखालैंड आंदोलन से जुड़े नेता को बनाया भाजपा जिलाध्यक्ष

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-हिल्स के साथ समतल के गोरखाओं में अच्छी पकड़ रखते है कल्याण देवान

अशोक झा, सिलीगुड़ी : पश्चिम बंगाल की सियासत का पारा चढ़ा हुआ है। बीजेपी और सत्तारूढ़ तृणमूल काग्रेस के बीच जुबानी जंग अब हिंसक हो गयी है। अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होना है। बीजेपी इसकी तैयारियों में लंबे समय से लगी हुई है।अब बीजेपी अपने लाव-लश्कर और मुद्दों के साथ मैदान में उतर गई है। बीजेपी को भलिभाति इस बात का एहसास है कि बिहार उत्तर प्रदेश की तरह पश्चिम बंगाल के हिल्स में जातियों का असर होता है। एक ओर ममता बनर्जी ने जहां तीन वर्षो से गोरखालैंड के हिंसक आंदोलन के बाद से फरार चल रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सुप्रीमो बिमल गुरुंग को अपने पाले में मिलाया है। वही भाजपा ने भी राजनीतिक शतरंज की चाल चलते हुए विमल गुरुंग के काफी खास माने जाने वाले कल्याण देवान को दार्जिलिंग हिल्स भाजपा का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। इतना ही नहीं जल्द ही दिल्ली में गृहमंत्री के हाथों दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र के तीन विधायकों को सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट भाजपा में शामिल करने वाले है। वे रविवार को नव निर्वाचित जिलाध्यक्ष व उनके प्रवल समर्थकों के साथ सिलीगुड़ी में बैठक कर रहे है। भाजपा नेताओं और समर्थकों की माने तो अब हिल्स में भाजपा के लिए खुला मैदान है। बहुत तेजी से संगठन का विस्तार होगा। भाजपा नेताओं का यह भी मानना है कि गोरखालैंड या गोरखाओं की समस्या का स्थायी समाधान सिर्फ और सिर्फ भाजपा के पास है। इसलिए राष्ट्रवाद के साथ जुड़े गोरखा मतदाता भाजपा को छोड़ अन्य कही नहीं जाने वाली। विमल गुरुंग के प्रत्येक वार पर पलटवार करने का कल्याण देवान के पास खासा अनुभव है।

कौन है कल्याण देवान

कल्याण देवान विमल गुरुंग के गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पार्टी में उपाध्यक्ष पद पर रहे है। इसके साथ ही वह गोजमुमो के केंद्रीय कमेटी के सदस्य भी थे। वर्ष 2017 में गोरखालैंड आंदोलन के लिए तैयार की गयी गोरखालैंड मूवमेंट कमेटी के संयोजक भी रहे है। अध्यक्ष बनाने जाने पर वह काफी प्रसन्न है। उनका कहना है कि हिल्स के सभी क्षेत्र में भाजपा का झंडा फहराया जाएगा। भाजपा गणतंत्र में विश्वास करती है। राष्ट्र के प्रति समर्पित है। इसलिए वह विश्व की नंबर एक पार्टी बनकर देश में छायी हुई है। जीत के लिए भाजपा ने बताया खास प्लान

बंगाल चुनाव को फतह करने के लिए केंद्रीय नेता और मंत्रियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, असम, त्रिपुरा और कर्नाटक सहित राज्यों के नेता और मंत्री बंगाल आएंगे।

भाजपा पश्चिम बंगाल में तृणमूल काग्रेस को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में जुटी है। इस बात की पुष्टि स्वयं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट का कहना है कि अब जो भी कार्यक्रम बंगाल में होगा वह ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने के लिए होगा। जहा ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी वाम दलों के 34 साल के शासन को समाप्त कर 2011 में सत्ता में आई थी। 2016 में ममता को दोबारा जीत मिली थी। इसके लिए अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा हर महीने बंगाल का दौरा करेंगे। प्रत्येक यात्रा के दौरान कम से कम दो दिन वह प्रवास करेंगे। सत्तारूढ़ तृणमूल काग्रेस भी कल्पना नहीं कर सकती है कि भाजपा कैसे इस चुनाव को लड़ने जा रही है। भाजपा पिछले साल 42 लोकसभा सीटों में से 18 में जीत हासिल की थी। उसी की तरह इस बार विधानसभा में भी भाजपा काम में गली है।

संघ भी मजबूती से है खड़ा

भाजपा सूत्रों की माने तो पश्चिम बंगाल में बीजेपी को सत्ता में वापस लाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारियों का एक बड़ा वर्ग भी बंगाल आ पहुंचा है। स्वयं संघ प्रमुख मोहन भागवत कोलकाता प्रवास में है। फरवरी 2021 में भैय्या जी जोशी उत्तर बंगाल के दौरे पर होंगे। आरएसएस के पदाधिकारी स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर काम करेंगे। ऐसे पदाधिकारियों का चयन किया जा रहा है। प्रत्येक 42 लोकसभा सीटों के लिए अलग-अलग टीमें काम करना शुरु किया है। छोटे स्तर पर टीमें बनायी गयी है। पार्टी के अभियान और धन की निगरानी के लिए अलग-अलग समितिया होंगी जो कि मतदान केंद्र स्तर पर संगठनात्मक सेटअप की निगरानी करेंगे और इस सप्ताह शुरू होने वाले मतदाता सूची संशोधन पर नज़र रखेंगे। निर्वाचन क्षेत्रों में तैनात किए जाने वाले अधिकाश पदाधिकारी होटल या गेस्ट हाउस में जाच नहीं रुकेंगे। वे स्थानीय आरएसएस प्रचारकों या भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों पर रहेंगे।


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