हिल्स को बर्बाद करने वाले को मांगनी होगी माफी : अनित थापा
-कहा बाहर के लोगों की भीड़ जुटा नहीं पाया जा सकता जनसमर्थन -हिंसा की आग में लोगो
-कहा, बाहर के लोगों की भीड़ जुटा नहीं पाया जा सकता जनसमर्थन
-हिंसा की आग में लोगों को छोड़ भागने वाले को कौन देगा जबाव
-हिल्स में रहने पर विनय तमांग को मानना होगा नेता
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग हिल्स को बर्बाद करने वाले नेताओं को क्षेत्र की जनता कभी माफ नहीं करने वाली। जनता से ऐसे नेताओं को माफी मांगना पड़ेगा। हिल्स में शांति और सद्भाव के साथ युवाओं के लिए रोजी रोजगार का द्वार खोलना पड़ेगा। यह कहना है गोरखा जनमुक्ति विनय तमांग गुट के महासचिव व जीटीए चेयरमैन अनित थापा का। वे कर्सियांग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा विमल गुंरुंग गुट के महासचिव रोशन गिरि की सभा को जबाव देने के लिए कर्सियांग में सभा करने पहुंचे है। उन्होंने जागरण से बातचीत करने हुआ कहा कि पिछले तीन वर्षो से फरार चल रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेताओं को अब समझना होगा कि हिल्स में गणतंत्र और शांति का माहौल है। यही कारण है कि फरार चल रहे रोशन गिरि विमल गुरुंग के कहने पर कर्सियांग में जनसभा कर पाएं। उन्होंने जनसभा में भीड़ को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि डुवार्स और तराई से लोगों को बुलाकर यहां रोशन गिरि ने 29 नवंबर को जनसभा की। सोचा था कुछ अच्छा बोलकर यहां की जनता से माफी मांग लेंगे। ऐसा नहीं हुआ। वे पहले की तरह ही गाली गलौज की भाषा का प्रयोग किया। यह हिल्स की जनता के लिए ठीक नहीं है। वे पहले केंद्र सरकार और अब राज्य सरकार के साथ गठबंधन की बात कर रहे है। लेकिन गोरखालैंड के मुद्दों पर भी चुनाव लड़ना चाहते है। ऐसा कैसे हो सकता है। गोरखालैंड की मांग हमारे संगठन गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के लिए मां के सामान है। जिसे ना कभी छोड़ा जा सकता है और भुल सकते है। इसके लिए जनता को यह समझना होगा कि इसकी मांग को कौन और कैसे पूरा कर सकता है। थापा ने कहा कि जिस प्रकार इस आंदोलन के नाम पर तीन वर्षो में युवाओं से रोजगार, कई परिवारों के सदस्यों की मौत और वाहन चालक समेत पर्यटन से जुड़े लोगों को दाने दाने के लिए दर बदर की ठोकरें खानी पड़ी इसका कौन जबाव देगा। जब यह पूछा गया कि क्या वे विमल गुरुंग को अपना नेता मान पाएंगे। थापा ने कहा कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को सभी पथ पर विनय तमांग लेकर पिछले तीन वर्षो तक चला है। तीन वर्षो बाद अगर विमल गुरुंग को यह समझ आया है कि राज्य सरकार के साथ मिलकर ही काम किया जा सकता है? तो इस बात को तीन वर्ष पूर्व ही हमारे नेता विनय तमांग ने जान लिया था। अगर विमल गुरुंग को गोरखाजनमुक्ति मोर्चा में रहना है तो उन्हें विनय तमांग को ही नेता मानना पड़ेगा। जहां तक विमल गुरुंग के आगमन को लेकर विरोध का प्रश्न है गोरखा जनमुक्ति मोर्चा विनय तमांग गुट ने मुर्दाबाद जैसे नारों को तीन वर्ष पूर्व ही छोड़ चुका है। इसलिए उनका विरोध कौन करेगा पता नहीं हां हमारी पार्टी नहीं करेगी।