फांसीदेवा अपहरण कांड : कर्ज की रकम के साथ ब्याज में फिरौती के लिए किया अपहरण
-आग्नेयास्त्र के साथ छह महीना पहले ही गिरफ्तार हुआ अपहरण कांड का मास्टरमाइंड जागरण संवाददाता
-आग्नेयास्त्र के साथ छह महीना पहले ही गिरफ्तार हुआ अपहरण कांड का मास्टरमाइंड
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : रुपये के लेन-देन की वजह से ही फांसीदेवा अपहरण कांड को अंजाम दिया गया। जांच में कांड की पूरी धीरे-धीरे पुलिस के सामने खुल रही है। हालांकि अपहरण में शामिल वाहन और तीन आरोपित पुलिस के राडार से दूर हैं। कांड के तार पड़ोसी राज्य बिहार से भी जुड़ता नजर आ रहा है। जांच में दार्जिलिंग जिला पुलिस की एक टीम बिहार जाने की भी तैयारी में है।
यहां बताते चलें कि बीते शुक्रवार की शाम सिलीगुड़ी महकमा के फांसीदेवा प्रखंड में अपहरण की एक वारदात को अंजाम दिया गया। फांसीदेवा के मिलनगढ़ इलाके का निवासी 35 वर्षीय मोहम्मद कासिम का अपहरण किया गया। मोहम्मद कासिम किसी काम से घर से निकले ही थे कि अचानक एक मारुती वैन उनके सामने आकर रुकी फिर कासिम को जबरन वैन में बैठाया गया और वैन ने रफ्तार पकड़ ली। कुछ घंटे बाद उसकी बेगम अंजारु खातून को कासिम के नंबर से अपहरणकर्ताओं ने फोन किया। अंजारु खातून का आरोप है कि फोन पर अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की मांग की। लेकिन फिरौती में कितनी रकम मांगी गई, इसका जिक्र उन्होंने शिकायर्त में नहीं किया है। अपहरण की शिकायत दर्ज होते ही पुलिस तफ्तीश में जुटी और अगले कुछ ही घंटो में मोहम्मद कासिम को उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा प्रखंड अंतर्गत मदनभीटा इलाके के एक घर से बरामद किया। बल्कि कांड के मास्टरमाइंड कास्मुद्दीन उर्फ कास्मो को भी फांसीदेवा थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। कासिम को कास्मो ने अपने ही घर पर रखा था। फिहाल आरोपित कास्मुद्दीम रिमांड पर पुलिस की हिरासत में है। हांलाकि अब तक कांड में उपयोग किए गया मारुती वैन पुलिस के हाथ लगा है और न ही शामिल अन्य आरोपित।
वैन लेकर आना, उतरकर व्यक्ति को जबरन वैन में बिठाना और फिर तेजी के साथ मौके से फरार होना एक व्यक्ति के बस की बात नहीं है। पुलिस भी इस कांड में और तीन लोगों के शामिल होने का अंदेशा व्यक्त किया है। जिसमें से एक वैन का चालक होगा। फांसीदेवा थाना पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार अपहरण तो रुपयों के लिए ही किया गया था लेकिन उसे फिरौती कहना कहां तक उचित है, फिलहाल यह जांच का विषय है। पुलिस की माने तो मोहम्मद कासिम और कास्मुद्दीन पहले से ही एक दूसरे को पहचानते हैं। आरोपित कास्मुद्दीन उर्फ कास्मो अपराधिक गति-विधि में लिप्त रहा है। बल्कि करीब छह महीना पहले दार्जिलिंग जिला पुलिस ने ही कास्मो को आग्नेयास्त्र के साथ गिरफ्तार किया था। आग्नेयास्त्र की खरीद-बिक्री के साथ अन्य अपराधिक गतिविधियों में लिप्त पड़ोसी राज्य बिहार गिरोह के साथ भी कास्मो का संपर्क है। जबकि मोहम्मद कासिम एक व्यापारी है। वह कालिम्पोंग के किसी ठेकेदार संस्था के साथ मिलकर काम करता है। पुलिस की प्राथमिक जांच के मुताबिक कुछ समय पहले कासिम ने कास्मो ने 80 हजार रुपए कर्ज स्वरुप लिया था। लेकिन लौटा नहीं रहा था। इसी खुन्नस में कासिम को अगवा कर अपना रुपया निकलवाने की तरकीब कास्मो को सूझी। और उसने एक सोची-समझी साजिस के तहत कासिम का अपहरण किया। अपहरण कांड में शामिल वैन और उसके तीन सागिर्दो के पड़ोसी राज्य बिहार में छिपे होने की संभावना भी पुलिस ने जताया है। चोपड़ा थाना पुलिस की सहायता से दार्जिलिंग जिला पुलिस चोपड़ा इलाके में बराबर निगरानी बनाए हुए है। बल्कि कांड में उपयोग किए वैन और शामिल अन्य आरोपितों की तलाश में दार्जिलिंग जिला पुलिस की टीम बिहार जाने की भी तैयारी में है।
इस संबंध में दार्जिलिंग जिला पुलिस के डीएसपी (ग्रामीण) अचिंत्य गुप्ता ने बताया कि अपहृत व्यक्ति को तीन घंटे के भीतर सही-सलामत बरामद कर लिया। एक आरोपित की भी गिरफ्तारी हुई है। अदालत द्वारा निर्देशित रिमांड पर उससे पूछताछ किया जा रहा है। कांड में शामिल वैन और अन्य लोग जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे।