दुकानदारों को सरकारी गाइड लाइन का पालन करना चाहिए : व्यवसायिक संगठन
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी कोरोना महामारी को देखते हुए बंगाल में आशिक लॉकडाउन लगाया गया
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना महामारी को देखते हुए बंगाल में आशिक लॉकडाउन लगाया गया है। जिसके तहत सुबह सात बजे से दस बजे तक और अपराह्न तीन बजे से पाच बजे तक बाजार-हाट खोलने की बात कहीं गई है। इस निर्देश के आने के बाद व्यापारी वर्ग अपनी दुकान खोल रहा है किंतु देखा जा रहे हैं कि समय से पहले ही दुकाने खुल जाती है और बंद करने के समय का भी पालन नही किया जा रहा है। बंद करने का समय होने के पश्चात भी दुकाने खुली रहती है ।किसी प्रकार की गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। इस बारे में कई व्यापारिक संगठनों से बातचीत हुई तो उन्होंने अपनी राय इस प्रकार से रखी। विधान मार्केट व्यवसाई समिति की ओर से बापी साहा ने बताया कि व्यापारी इस महामारी को समझ नहीं पा रहे हैं ।अधिक से अधिक धन कमाने की होड़ में लगे हुए हैं। किंतु यह नहीं पता की जान ही नहीं रहेगी तो यह पैसा कमा कर भी क्या होगा। ऐसे में दुकानदारों को अपनी जिम्मेवारी और जान की परवाह करते हुए कार्य करना चाहिए। जो आशिक लॉकडाउन लगाया गया है। वह सही नहीं लग रहा है। दुकान खोलने का एक ही समय निर्धारित कर देना चाहिए। दुकाने बंद करने के पश्चात सड़क पर एक व्यक्ति भी नजर नहीं आना चाहिए तभी इस महामारी का सही तरीके से मुकाबला कर पाएंगे । व्यापारी वर्ग को अगर पाच घटे व्यापार खोलने की अनुमति देनी है तो इसके लिए सुबह नौ बजे से दो बजे तक या फिर सुबह दस बजे से तीन बजे तक दुकानें खोलने का समय निर्धारित कर देना चाहिए। तभी व्यवसाय सही तरीके से चल पाएगा। हिलकार्ट रोड व्यवसायी समिति के सचिव सनत भोम्मिक ने कहा की दुकानदारों से बार-बार आग्रह कर रहे हैं कि सरकारी गाइडलाइन का पालन करें । कई व्यवसाई इन नियमों का पालन बखूबी कर रहे हैं और कई अधिक मुनाफा कमाने की चाह में में दुकानों को लंबे समय तक खोल कर रखते हैं जो सही नहीं है । नार्थ बंगाल मोटर डीलर्स एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र सेठिया ने इस विषय पर अपना रोष जताते हुए कहा कि हमारी एसोसिएशन में जितने भी मेंबर है वे समय पर दुकान खोलते हैं और समय पर ही बंद करते हैं। किंतु देखा जा रहा है कि कई दुकानदार सरकारी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं जो गलत है। जान है तो जहान है जिस तरह से कोरोना के केस बंगाल में बढ़ रहे हैं लॉकडाउन की सख्त आवश्यकता है जिससे कोरोना की चैन तोड?े में सहायता मिलेगी। अन्य व्यापारिक संगठनों में नियमों की अनदेखी करने वाले दुकानदारों के प्रति भारी रोष है ।