प्रत्याशी चयन को लेकर टीएमसी नेता कि कम नहीं हो रही नाराजगी
-कहा सिलीगुड़ी के मतदाता चाहते हैं स्थानीय खिलाड़ी -भाईचुंग भुटिया जैसे भारतीय फुटबॉल के कप्ता
-कहा सिलीगुड़ी के मतदाता चाहते हैं स्थानीय खिलाड़ी
-भाईचुंग भुटिया जैसे भारतीय फुटबॉल के कप्तान हार चुके हैं चुनाव
मनाने के सभी प्रयास हो रहे हैं विफल, कहा नामाकन के पहले छोड़ दूंगा सभी सरकारी पद
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी में तृणमूल काग्रेस प्रत्याशी को लेकर पार्टी के अंदर अंतíवरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। तृणमूल काग्रेस के वरिष्ठ नेता और एसजेडीए के डिप्टी चेयरमैन नानटू पाल को मनाने का सभी प्रयास का विफल होते दिखाई दे रहा है। रविवार को मैनाक टूरिस्ट लॉज में पथ निर्माण मंत्री उत्तर बंगाल प्रभारी अरूप विश्वास पर्यटन मंत्री गौतम देव समेत अन्य नेताओं के साथ पाल की बैठक हुई। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि उन्होंने नेतृत्व को स्पष्ट कह दिया है कि सिलीगुड़ी की जनता इस चुनावी खेल में स्थानीय खिलाड़ी चाहता है। पिछली बार भी भारत के फुटबॉलर वाचिंग भूटिया को तृणमूल काग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा था उसके साथ पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता जी जान के साथ काम किया और पराजित होने के बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा कि वह सही तरीके से काम नहीं किए हैं। मुझे इस बार भी पूर्ण विश्वास है कि जो प्रत्याशी पार्टी ने उतारा है वह इस चुनावी खेल में नहीं जीत पाएंगे। इसलिए पहले दिन से ही मैं इस प्रत्याशी का विरोध कर रहा हूं। मैं इस बात का भी विरोध कर रहा हूं कि विधानसभा चुनाव के लिए जो कमेटी बनाई गई थी उसमें एक नंबर नाम मेरा ही था। पर कैसे उनका नाम हटाकर बाहरी उम्मीदवार को यह तोहफा गया यह खुद अपने अपने आश्चर्य की बात है। उन्होंने कहा कि चुनावी खेल का मैं और मेरी पत्नी काफी दिनों से अच्छा खिलाड़ी साबित हुए हैं। जब भी कभी किसी टीम के लिए जर्सी बदला हूं फिर भी जीत अपने पक्ष में ही करता रहा हूं। एक प्रश्न के जवाब में पाल ने बताया कि पार्टी ने उनसे किसी अन्य पार्टी में नहीं जाने की बात कही है। इसको लेकर मैं अपने सहयोगियों के साथ मंथन करूंगा। नामाकन करने के पहलेी मैं सभी प्रकार कि सरकारी पद को त्याग दूंगा। मेरा लक्ष्य जनता की सेवा और सिलीगुड़ी का वास्तविक विकास करना है जो आज तक नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी ओर तृणमूल काग्रेस के घोषित प्रत्याशी ओम प्रकाश मिश्रा ने पूर्व विधायक रुद्रनाथ भट्टाचार्य के घर पर जाकर मुलाकात की और उनसे अशोक नारायण भट्टाचार्य को पराजित करने के लिए रणनीति पर विचार विमर्श