दस ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
-विरोध प्रदर्शन आजसभी आवश्यक तैयारियां पूरी -आठ सूत्री मांगों के समर्थन में होगा आंदोल
-विरोध प्रदर्शन आज,सभी आवश्यक तैयारियां पूरी
-आठ सूत्री मांगों के समर्थन में होगा आंदोलन
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी:
भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन काग्रेस और भारतीय व्यापार संघ सहित 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने तीन जुलाई यानि शुक्रवार को सिलीगुड़ी में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है। इसकी जानकारी देते हुए इंटक के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल के चेयरमैन आलोक चक्रवर्ती ने बताया कि सभी ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला लिया है। प्रदर्शन के लिए दोपहर महानंदा नदी के किनारे सभी ट्रेड यूनियन नेता व समर्थक जमा होंगे। कोरोना काल में नियमों को मानते हुए केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन होगा। उन्होंने बताया कि तीन जुलाई को होने वाले देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन काग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन काग्रेस, हिंद मजदूर सभा, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर, ट्रेड यूनियन को-ऑíडनेशन सेंटर, ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस, सेल्फ-एम्प्लाइड वुमेंस एसोसिएशन, लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन काग्रेस के नेता और समर्थक शामिल होंगे। वहीं दूसरी ओर सीटू नेता समन पाठक ने बताया कि यूपी, एमपी और गुजरात सरकार द्वारा श्रम कानून में किए गए बदलाव को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन से इस मामले में बीच-बचाव करने की माग की गई थी। जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने इस बदलाव को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। इस आंदोलन में उनकी पार्टी शामिल होंगी।
चाय बागानों के गेट पर भी होगा प्रदर्शन
तीन जुलाई शुक्रवार को वामपंथी चाय बागान मजदूर संगठन चिया कमान मजदूर यूनियन के सदस्य आठ सूत्री मांगों के समर्थन में सभी चाय बागानों के सामने प्रदर्शन करेंगे। इसका निर्णय मंगलवार को बागडोगरा में सीटू समेत ज्वाइंट फोरम के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में लिया गया था। यहां सीटू के नेता समन पाठक, ज्वाइंट फोरम के जिआउल आलम, सीटू के गौतम घोष समेत अन्य बागानों से आए दर्जन भर से अधिक प्रतिनिधि मौजूद थे। यहां आठ सूत्री प्रस्ताव में सभी वर्ग के श्रमिकों को लॉकडाउन के समय का वेतन भुगतान करना, वर्ष 2015 में त्रिपक्षीय समझौता के तहत सभी को न्यूनतम मजदूरी देना, कोरोना महामारी के समय जीवन को सुरक्षित करने के लिए मजदूरों को सभी प्रकार सुविधाएं मुहैया कराना, सभी मजदूरों को जमीन का अधिकार देते हुए पक्का मकान मुहैया कराना की मांग शामिल है।